गृह मंत्री राजनाथ सिंह की दो दिवसीय श्रीनगर यात्रा के बाद भी कश्मीर के अशांत हालात में कुछ खास बदलाव होते नजर नहीं आ रहे. घाटी में शुक्रवार को लगातार 49वें दिन कर्फ्यू और प्रतिबंध का दौर जारी है, लिहाजा जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है.
पुलिस का कहना है कि अनंतनाग, पुलवामा, बडगाम, शोपियां और श्रीनगर में बिना किसी ढील के कर्फ्यू जारी रहेगा, जबकि घाटी में अन्य जगह प्रतिबंध जारी रहेंगे. अलागववादी नेताओं ने शुक्रवार को रैली का आह्वान किया है.
हिरासत में लिए गए अलगाववादी नेता
पुलिस और सुरक्षा बल के जवान हर परिस्थिति से निपटने के लिए सर्तक हैं. एहतियात बरतते हुए सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक समेत अधिकतर वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है या गिरफ्तार कर लिया गया है. मीरवाइज को गुरुवार शाम उनके घर से पास के निगीन पुलिस थाने ले जाया गया. प्रशासन ने पहले उन्हें उनके ही घर में नजरबंद कर रखा था.
सूत्रों के मुताबिक, मीरवाइज शुक्रवार को पुराने श्रीनगर में टेलीफोन के जरिए सभा को संबोधित करने वाले थे, जिससे उन्हें रोकने के लिए यह कदम उठाया गया.
गुरुवार को भी झड़प और प्रदर्शन की खबर
इस बीच सरकार ने घाटी में बीएसएफ समेत पारामिलिट्री फोर्स के और जवान भेजने का निर्णय किया है. आतंकी बुरहान वानी के खात्मे के बाद से ही घाटी में हिंसा और अशांति का माहौल है. गुरुवार को भी कई इलाकों में झड़प और विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं. बीते 48 दिनों की हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10,000 के करीब लोग घायल भी हुए हैं.
राजनाथ और महबूबा ने की अपील
गुरुवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संयुक्त प्रेस वार्ता की. इसमें दोनों नेताओं ने कश्मीरी आवाम से शांति बनाए रखने की अपील की. साथ ही उन लोगों की पहचान करने की मांग की, जो युवाओं और बच्चों के हाथ में पत्थर थमाते हैं या उन्हें विरोध के लिए उकसाते हैं.
बीजेपी ने की सुरक्षा बलों को खुली छूट देने की अपील
दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर की बीजेपी शाखा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह घाटी के मौजूदा हालात से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दे. पार्टी ने मांग की है कि अशांति भड़काने वालों के प्रति कोई उदारता नहीं बरती जाना चाहिए.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा ने गुरवार को कहा, 'हमने केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक की और उन्हें एक ज्ञापन दिया, जिसमें घाटी के मौजूदा हालात से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट देने की मांग की है.