आतंकी बुरहान वानी के खात्मे के बाद कश्मीर में हिंसा और अशांति का दौर मंगलवार को 46वें दिन भी जारी है. घाटी के कई इलाकों में अभी भी कर्फ्यू है, वहीं 11 साल बाद एक बार फिर शांति कायम करने के उद्देश्य से कश्मीर घाटी में बीएसएफ को तैनात किया गया है. केंद्र सरकार ने घाटी में सीमा सुरक्षा बल के 2600 जवानों की तैनाती की है.
घाटी में बीएसएफ की 26 कंपनियों को राज्य के समस्याग्रस्त इलाकों में कानून व्यवस्था बनाने के लिए भेजा जा रहा है. इन बलों को गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लिया गया है. इसके अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से हटाए जाने के बाद बल की 30 अतिरिक्त कंपनियों को भी अगले कुछ दिन में राज्य में भेजे जाने की संभावना है.
2005 में सीआरपीएफ ने ली थी बीएसएफ की जगह
इससे पहले 90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान के तहत घाटी में बीएसएफ को तैनात किया गया था. स्थानीय लोगों के मन में बीएसएफ की छवि एक आक्रामक और क्रूर बल की है. 2005 में बीएसएफ की जगह सीआरपीएफ को कश्मीर में तैनात किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में मदद के लिए शहर के लाल चौक और आसपास के इलाकों में बीएसएफ कर्मियों को तैनात किया गया है.
25 अगस्त तक अलगाववादियों का प्रदर्शन और बंद
दूसरी ओर, अलगाववादियों ने घाटी में अपने विरोध प्रदर्शन और बंद को 25 अगस्त तक बढ़ा दिया है. लिहाजा, इलाके के सभी स्कूल-कॉलेज, बाजार, सार्वजनिक परिवहन और दूसरे व्यापार बंद हैं. पुराने श्रीनगर और अनंतनाग में कर्फ्यू जारी है, जबकि कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, बारामूला, बांदीपुरा, कुपवाड़ा और बडगाम में भी पाबंदी लगाई गई है. कश्मीर हिंसा में अब तक 70 लोगों की मौत हो चुकी है.