दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार ने कश्मीर के प्रवासी शिक्षकों की सेवा नियमित की. केजरीवाल के इस दावे पर कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने उनके नियमित होने में बाधा डालने की कोशिश की थी. हाईकोर्ट के नियमितीकरण के आदेश को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी थी. दिल्ली सरकार ने डबल बेंच में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. डबल बेंच ने भी जब केजरीवाल सरकार की याचिका खारिज कर दिया था, तब सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई थी.
गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन (माइग्रेंट) रजिस्टर्ड की ओर से बयान जारी कर अरविंद केजरीवाल के बयान की निंदा की गई है. संगठन की ओर से कहा गया है कि कश्मीरी प्रवासी अध्यापकों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर 6 जून 2010 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. दिल्ली हाईकोर्ट के जज ने 18 मई 2015 को कश्मीरी शिक्षकों की सेवा नियमित करने की मांग के पक्ष में फैसला सुनाया.
एसोसिएशन के मुताबिक हाईकोर्ट के इस फैसले को दिल्ली सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी. 21 मई 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दिल्ली सरकार को कश्मीरी पंडितों की सेवाएं नियमित करने का आदेश दिया. एसोसिएशन के मुताबिक दिल्ली सरकार की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक कश्मीरी प्रवासी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का बार-बार आश्वासन दिया. इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी.
एसोसिएशन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका खारिज कर दिया था. एसोसिएशन के संयोजक दिलीप भान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के पास जब कोई विकल्प नहीं रहा तब अंत में 23 जनवरी 2019 को कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गईं.
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं कभी भी नियमित नहीं करना चाहती थी. दिलीप भान ने कहा कि सच्चाई तो ये है कि दिल्ली सरकार ने अंतिम विकल्प तक कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का विरोध किया.