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कश्‍मीरी पंडितों ने 23 साल बाद सोपोर के मंदिर में की पूजा

ऐसा लगता है कि जम्‍मू-कश्‍मीर से विस्‍थापित हो चुके कश्‍मीरी पंडितों के लिए 'अच्‍छे दिन' आने वाले हैं. प्रदेश के सोपोर जिले के एक मंदिर में कश्‍मीरी पंडितों ने 23 साल के बाद पूजा-अर्चना करके सबका ध्‍यान इस ओर खींचा.

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बहुत-कुछ कहती है ये पूजा...
बहुत-कुछ कहती है ये पूजा...

ऐसा लगता है कि जम्‍मू-कश्‍मीर से विस्‍थापित हो चुके कश्‍मीरी पंडितों के लिए 'अच्‍छे दिन' आने वाले हैं. प्रदेश के सोपोर जिले के एक मंदिर में कश्‍मीरी पंडितों ने 23 साल के बाद पूजा-अर्चना करके सबका ध्‍यान इस ओर खींचा.

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नंदकिशोर अस्‍थपान मंदिर में बीते शनिवार को पूजा की गई. मंदिर सोपोर के अशांत इलाके सीर जागीर क्षेत्र में पड़ता है. कश्‍मीरी पंडितों ने संकेत दे दिया कि वे घाटी में फिर से अपनी वापसी के लिए तैयार हैं. मुसलमान पड़ोसियों के यहां रात गुजारने के बाद कश्‍मीरी पंडित रविवार को वापस हो गए.

महाराज कृष्‍णा के मुताबिक, पब्लिक हेल्‍थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक कर्मचारी ने अपने कुछ संबंधियों के साथ मंदिर में पूजा करने की इच्‍छा जताई. मुस्लिम समुदाय के स्‍थानीय लोगों और प्रशासन से इजाजत मिलने के बाद इस कार्यक्रम को अंजाम दिया गया. यह परिवार विस्‍थापित होकर घाटी से जम्‍मू चला गया था.

महाराज कृष्‍णा ने कहा कि जब इलाके में आतंकियों का कहर था, तब स्‍थानीय रीति-रिवाज के अनुसार, मंदिर में पूजा के बाद भेड़ों की बलि दी जाती थी और इसका मांस बांटा जाता था. लेकिन इस बार पूजा के बाद केवल हलवा का प्रसाद बांटा गया.

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पूजा करने वाले जत्‍थे में करीब 70 लोग थे, जिनमें महिलाएं और बच्‍चे भी थे. कश्‍मीरी पंडितों के विस्‍थापन के बाद मंदिर सेना के अधिकार क्षेत्र में चला गया है. मंदिर कभी बंद नहीं किया गया था, इसके बावजूद पिछले दो दशकों से यहां किसी ने पूजा नहीं की थी.

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