इजरायल की ओर से गाजा पर की जा रही बमबारी की निंदा करते हुए सैकड़ों युवा मंगलवार को नारा लगाते हुए व्यस्त बाजारों से गुजरे. गाजा पर बमबारी में लगभग 190 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें महिलाओं और मासूम बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है.
घाटी के स्कूलों और कॉलेजों में मंगलवार से 15 दिनों का ग्रीष्म अवकाश होने के कारण शहर के युवा सड़कों पर उतर आए.
जुलूस शहर के केंद्र लाल चौक, रेजिडेंसी रोड और शहर के अन्य भागों से गुजरा. दंगे के मद्देनजर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान जगह-जगह तैनात थे.
युवाओं का यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. पुलिस ने इसमें किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया, क्योंकि इस दौरान बाजार और अन्य व्यापारिक गतिविधियों में किसी तरह का खलल नहीं पड़ा.
सोमवार को श्रीनगर में छात्रों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों के एक बड़े जुलूस को नियंत्रित करने में पुलिस को बेहद संयम से काम लेना पड़ा था.
अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, नरमपंथी मीरवाइज फारुख, जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के मोहम्मद यासीन मलिक ने गाजा पर इजरायली हमले की निंदा की, जिसमें निर्दोष बच्चों और महिलाओं की जान गई.
बीती आठ जुलाई से इजरायल गाजा पट्टी पर हमास और अन्य आतंकवादी गुटों को लक्षित कर व्यापक तौर पर हवाई हमले कर रहा है.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस अभियान में 187 लोग मारे गए हैं, जबकि 1,390 लोग घायल हुए हैं. हमले में 250 मकान नष्ट हुए हैं.