आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है जिसके खिलाफ एक अलग चार्जशीट दाखिल की गई है. अधिकारियों ने बताया है कि कठुआ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एक चार्जशीट सुनवाई के लिए सत्र अदालत भेजेंगे, जिसमें सात आरोपी नामजद हैं. जबकि नाबालिग आरोपी के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनवाई करेंगे. जम्मू कश्मीर सरकार ने इस संवेदनशील मामले में सुनवाई के लिए दो विशेष वकीलों की नियुक्ति की है. ये दोनों ही सिख हैं.
बताया जा रहा है कि चार्जशीट में बकरवाल समुदाय की लड़की का किडनैप, बलात्कार और हत्या को सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया गया है. ताकिइस अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को इलाके से हटाया जा सके.
कठुआ के एक छोटे गांव के एक मंदिर का रखरखाव करने वाले शख्स को इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड बताया गया है, जिसका नाम सांजी राम है. सांजी राम पर विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा के साथ मिलकर इस दर्दनाक घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है. बता दें कि इस केस के आठों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं.
जम्मू के वकील लगातार इस घटना पर आरोपियों के पक्ष में समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं. उन पर न्यायिक प्रकिया में रुकावट डालने के भी आरोप लग रहे हैं. जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नाराजगी जताई है. बार काउंसिल स्थानीय वकीलों को सोमवार तक हड़ताल खत्म करने की चेतावनी दे चुका है. वहीं इस पूरी घटना में दोषी पाए जाने वाले वकीलों के लाइसेंस रद्द करने की भी चेतावनी दी गई है. वहीं, इस घटना में आरोपी पुलिसकर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है.