कठुआ रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि वकीलों के दल की ओर से अदालती कार्यवाही रोकना उचित नहीं. बता दें कि कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 अप्रैल को तय की है. इसमें बार को अपना जवाब दाखिल करना होगा.
सुनवाई के दौरान बार एसोसिएशन ने कोर्ट के सामने दलील दी- उनका प्रदर्शन किसी और मुद्दे पर था, लेकिन मीडिया ने इसे कहीं और जोड़कर दिखाया. मीडिया रिपोर्ट्स से ऐसा लगा कि प्रदर्शन कठुआ रेप केस के खिलाफ है.
इस दलील पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने टिप्पणी की कि वजह जैसी भी हो लेकिन आपका रवैया गैर जिम्मेदाराना था. प्रैक्टिस करना आपका अधिकार है लेकिन हड़ताल करना या अदालती कार्यवाही रोकना नहीं.
कोर्ट ने कहा कि अदालती कार्यवाही चलने और निष्पक्ष सुनवाई की चिंता होनी चाहिए. लेकिन आप लोगों की वजह से पुलिस को घंटों इंतज़ार कर मजिस्ट्रेट के घर जाकर चार्जशीट पेश करनी पड़ी.
कोर्ट ने जम्मू- कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से पूरे घटनाक्रम पर जवाब तलब किया है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि हमारी टीम कठुआ और जम्मू में वकीलों के बर्ताव की जांच पड़ताल के लिए वहां गई है. सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि हमारी टीम कठुआ और जम्मू में वकीलों के बर्ताव की जांच पड़ताल के लिए वहां गई है. दो दिन का दौरा पूरा होने के बाद जल्द से जल्द रिपोर्ट आ जाएगी.