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जमीन के मसले पर साथ आए गिलानी और मलिक बोले- कश्मीर के लिए करो या मरो की नौबत

गिलानी और मलिक ने कहा कि कश्मीर के लिए फिलहाल करो या मरो के हालात पैदा हो गए हैं. राज्य की सरकार प्रदेश में आरएसएस का एजेंडा लागू करना चाहती है. हम सब इसका कड़ा विरोध करेंगे.

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गिलानी ने कहा-कश्मीर की डेमोग्राफी बदलने की साजिश
गिलानी ने कहा-कश्मीर की डेमोग्राफी बदलने की साजिश

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जम्मू कश्मीर में जमीन के मसले पर घाटी के सभी अलगाववादी नेता एक साथ आ खड़े हुए हैं. इन सबने राज्य में सैनिक कॉलोनी, कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनी और नई औद्योगिक नीति के खिलाफ आवाज तेज की हैं.

सैयद अली गिलानी से मिले यसीन मलिक
कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर पर बुधवार को जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक के साथ हुई बैठक के बाद सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की बात कही गई. दोनों नेताओं ने कहा कि आजादी के पहले से चलते आ रहे कई संगठन उनके साथ खड़े होंगे.

कश्मीर की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश
गिलानी और मलिक ने कहा कि कश्मीर के लिए फिलहाल करो या मरो के हालात पैदा हो गए हैं. राज्य की सरकार प्रदेश में आरएसएस का एजेंडा लागू करना चाहती है. हम सब इसका कड़ा विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर की डेमोग्राफी बदलना चाहती है और कश्मीरियों को फिलिस्तीनियों जैसी जिंदगी देना चाहती है.

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राज्यपाल शासन में लिए गए थे फैसले
वहीं सीएम महबूबा मुफ्ती ने पहले ही साफ कर दिया कि ये सारे फैसले उनकी सरकार ने नहीं लिए, बल्कि राज्यपाल शासन के दौरान लिए गए. सरकार इन पर पुनर्विचार कर रही है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख डॉ. फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि सत्ता बनाए रखने के लिए मुफ्ती और उनकी पार्टी पीडीपी दिल्ली से लगातार खतरनाक समझौते कर रही है.

उमर ने कहा- सब धारा 370 हटाने की साजिश
वहीं पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सैनिक कॉलोनी, कश्मीरी पंडितों की कॉलोनी, नॉन स्टेट मजदूरों की कॉलोनी, नई औद्योगिक नीति वगैरह सब कश्मीर में धारा 370 खत्म करने की कोशिश है. उमर पर पहले कश्मीर के पर्यटन और उद्योग को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगता रहा है.

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