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भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे ठप, सैकड़ों वाहन जाम में फंसे

भूस्खलन ने चंदेरकोट क्षेत्र के भूम में हाइवे को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है, जो कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र सदाबहार हाइवे है.

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जम्मू-श्री नगर नेशनल हाइवे, कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हाइवे है.
जम्मू-श्री नगर नेशनल हाइवे, कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण हाइवे है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अगले चार-पांच घंटे में जाम खुलने की उम्मीद
  • भूस्खलन से दो गाड़ियों को हुआ नुकसान
  • कश्मीर को बाकी देश से जोड़ता है हाइवे

जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में ठंड बढ़ने के साथ ही रास्ते जाम होने के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. कई बार बर्फवारी के कारण, कई बार भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं. शनिवार शाम को रामबन जिले में 270 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण सैकड़ों वाहन फंस गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन ने चंदेरकोट क्षेत्र के भूम में हाइवे को पूरी तरह से रोक दिया है, जो कि कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र सदाबहार हाइवे है.

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अधिकारी ने आगे बताया कि मलबे के गिरने से दो गाड़ियों को भी नुकसान हुआ है हालांकि इस दौरान किसी को कोई चोट नहीं लगी है. सड़क रखरखाव एजेंसियां सड़क को साफ़ करने के काम पर लगी हुई हैं और उम्मीद है कि अगले चार-पांच घंटे में आवागमन दोबारा से शुरू हो जाएगा. इससे पहले दिन में भी रामबन के नचलाना क्षेत्र में एक ट्रक की वजह से राजमार्ग अस्थायी तौर पर अवरुद्ध हो गया था.

शुक्रवार को दो टाटा सूमो गाड़ियां भी बांदीपोरा से गुरेज की तरफ जाते समय राजदान शीर्ष के पास बर्फ में फंस गईं थीं. सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों द्वारा सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. मलबे में फंसी दोनों गाड़ियों को भी अब निकाल लिया गया है. इस दौरान सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी.

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मलबे में फंसी दोनों टाटा सूमो गाड़ियों को निकालने में सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों ने काफी मशक्कत की.
बर्फ में फंसी दो गाड़ियों को निकालने में करनी पड़ी खासी मशक्कत (फोटो- रऊफ)

फोर लेन प्रोजेक्ट के कारण इस हाइवे को पहले से ही केवल 'वन-वे ट्रैफिक'' किया हुआ है. फ़िलहाल व्यवस्था ये है कि एक समय जम्मू से श्रीनगर की तरफ जाने दिया जा रहा है, एक समय में श्रीनगर से जम्मू की तरफ जाने दिया जाता है. ताकि दोनों राजधानियों के बीच आवागमन बना रहे और फोर-लेन प्रोजेक्ट का काम भी चलता रहे.

 

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