जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे 300 किलोमीटर लंबा है. लेकिन दक्षिण कश्मीर के बिजबेहेरा से पंपोर तक का 35 किलोमीटर लंबा रास्ता सुरक्षाबलों के लिए सरदर्दी बना हुआ है. वजह है बीते सात महीनों में आतंकियों ने इतनी ही दूरी के छह बार बीच सैन्य बलों को अपना निशाना बनाया है. इस वजह से एक दर्जन से भी ज्यादा मौतें हुई हैं.
हाल ही में शनिवार को हुए आतंकी हमले में आठ सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए और 22 घायल हुए. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली.
'द इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिसंबर 2015 से भले ही हमलों में तेजी आई है लेकिन सुरक्षा बलों की तैनाती उस अनुपात में नहीं बढ़ी है. हालांकि शनिवार के हमले के बाद सुरक्षा बलों की नींद खुली है.
सोमवार को सुरक्षाबलों की तकरीबन 29 गाड़ियां पंपोर और बिजबेहेरा के बीच तैनात थी. इनमें से कुछ हथियारबंद वाहन थे. सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल नलिन प्रभात ने माना की या 35 किलोमीटर क्षेत्र सबसे घातक साबित हो रहा है. हालांकि उन्होंने इसकी कई वजहें बताई. उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे, झेलम नदी और रेलवे ट्रैक क्रिसक्रॉस की वजह से यहां आतंकी आसानी से हमला कर पाते हैं.
पंपोर से बिजबेहेरा के बीच ये बड़े आतंकी हमले हुए
- 25 जून: पंपोर में आतंकी हमले में 8 सीआरपीएफ जवान शहीद.
- 3 जून: बिजबेहेरा में सेना के काफिले पर आतंकी हमला, 3 बीएसएफ जवान शहीद.
- 8 अप्रैल: आतंकियों ने सैन्य वाहन को निशाना बनाया, 2 आम नागरिक घायल.
- फरवरी: पंपोर में आतंकी हमला, 2 सीआरपीएफ जवान शहीद.
- दिसंबर 2015: पंपोर में हमला, डीएसपी और J-K पुलिस अफसर गंभीर रूप से घायल.
- 9 दिसंबर 2015: पंपोर के पास दो आतंकियों को सीआरपीएफ ने किया ढेर.