पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अपने नए सदस्यों को प्रशिक्षण के तहत ‘कसाब क्लास’ का आयोजन कर रहा है जिसमें आतंकवाद की राह पकड़ने वाले युवकों को समझाया जा रहा है कि वे मुंबई हमले के दौरान जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की गलतियों को नहीं दोहराएं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार लश्कर आतंकी मोहम्मद नवीद जट्ट उर्फ अबू हंजाला से पूछताछ में यह बात सामने आई है. हंजाला पाकिस्तान के मुल्तान शहर का निवासी है. उसे दक्षिणी कश्मीर में पिछले महीने के तीसरे सप्ताह में पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
सूत्रों ने कहा कि अपनी पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी देते हुए अबू हंजाला ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसके पिता सेना से रिटायर्ड ड्राइवर हैं और वह और उसके भाई जमात-उद-दावा की ओर से संचालित मदरसों में गए. जमात-उद-दावा लश्कर का मुखौटा संगठन है.
हंजाला लश्कर का पहला ऐसा आतंकी है जिसने पूछताछ में बताया कि वह कसाब से मिल चुका है. कसाब को 2008 के मुंबई हमले के मामले में पिछले साल नवंबर में फांसी दी गई थी.
दक्षिणी कश्मीर में कई पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी हंजाला ने कथित तौर पर यह कहा कि वह मुल्तान जिले में लश्कर के बोरेवाला सहीवाला शिविर में कसाब से मिला था. कसाब के पिता इसी मदरसे में कसाई थे. हंजाला ने याद किया कि कसाब शुरुआती बातचीत में आत्मकेंद्रित दिखा जो मुंबई हमले से कुछ माह पहले लश्कर के आतंकी शिविर में दाखिल हुआ था.
सूत्रों के अनुसार हंजाला ने यह भी बताया कि लश्कर के शीर्ष आतंकी नए युवकों को वीडियो प्रस्तुति देते हैं जिसमें ‘दौर-ए-सूफा’ (धार्मिक भावना से जुड़ा प्रशिक्षण) के दौरान कसाब की गलतियों का उल्लेख किया जाता है.
इसमें जिन गलतियों का जिक्र होता है उनमें नौका नष्ट करने में कसाब एवं उसकी टीम की नाकामी, सेटेलाइट फोन से असली पहचान के साथ बातचीत करना, बंधक बनाने में अक्षमता और पकड़े जाने की बातें शामिल है.