जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. अमरनाथ यात्रा को लेकर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का प्रशासन भी एक्टिव मोड में आ गया है. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने इसे लेकर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों के साथ बैठक की. मनोज सिन्हा ने बीआरओ के अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा मार्ग के चौड़ीकरण के कार्यों की समीक्षा की.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को राजभवन में प्रशासन और सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ बैठक की. एलजी मनोज सिन्हा ने प्रशासनिक और बीआरओ के अधिकारियों की बैठक में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ मंदिर तक जाने वाले रास्ते के चौड़ीकरण कार्य की समीक्षा की.
एक प्रवक्ता के मुताबिक एलजी मनोज सिन्हा की इस बैठक में श्रीअमरनाथजी श्राइन बोर्ड के सदस्य केएन राय, लोक निर्माण विभाग (सड़क और भवन) के प्रमुख सचिव शैलेंद्र कुमार और मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर साकेत सिंह मौजूद थे. जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने बैठक में बीआरओ से अमरनाथ यात्रा मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के कार्य की समीक्षा की.
एलजी मनोज सिन्हा ने बीआरओ से अमरनाथ यात्रा के मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने, मरम्मत और रखरखाव के लिए क्या कार्य किए जा सकते हैं, इसे लेकर रिपोर्ट भी मांगी. बीआरओ के अधिकारियों ने बैठक के दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को अमरनाथ यात्रा मार्ग पर काम की संभावनाओं के साथ ही ड्रोन से सर्वे कराए जाने की भी जानकारी दी.
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिकारियों को ये कार्य तय समय सीमा के भीतर पूरा कराने के भी निर्देश दिए हैं. बीआरओ के अधिकारियों ने बैठक में अमरनाथ यात्रा मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने, मरम्मत और रखरखाव का कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कर लिए जाने का विश्वास व्यक्त किया.
गौरतलब है कि पवित्र अमरनाथ गुफा तक जाने वाले दोनों मार्ग इस समय बर्फ से ढंके हुए हैं. अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम और 14 किलोमीटर छोटा गांदरबल जिले में छोटा बालटाल का रास्ता बर्फ से ढंके हुए हैं. बीआरओ के अधिकारियों ने मौसम को देखते हुए इन मार्गों को अप्रैल मध्य तक साफ कर लिए जाने की उम्मीद जताई है. गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा की शुरुआत आमतौर पर जून या जुलाई के महीने में होती है.