जन्नत के नाम से पहचाने जाने वाले राज्य जम्मू-कश्मीर में लाखों लोगों की जान खतरे में है. राज्य के हिमालय पर्वतों की हालिया भौगोलिक मैपिंग में कहा गया है कि यहां आठ या इससे भी ज्यादा तीव्रता का भूकंप आ सकता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक रियासी फॉल्ट ने कुछ समय से दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इससे यह संकेत मिल रहा है कि जब वह इस दबाव को छोड़ता है तो उसके बाग आने वाला भूकंप भीषण हो सकता है, जिसकी तीव्रता आठ या इससे ऊपर हो सकती है.
अमेरिका के ओरेगन स्टेट विश्वविद्यालय में रिसर्चर रह चुके इस अध्ययन के प्रमुख लेखक यान गेविलट ने कहा, 'हमने यह जानने की कोशिश की कि फॉल्ट पिछले दस हजार साल में कितना हटा है. इसके हटने पर इसके विभिन्न हिस्से किस तरह हिले हैं? उन्होंने कहा, हमने पाया कि रियासी फॉल्ट कश्मीर में पड़ने वाले मुख्य सक्रिय फॉल्ट्स में से एक है लेकिन हालिया भौगोलिक रिकॉर्ड के अनुसार, भूकंप नहीं आए हैं.'
फॉल्ट पर भूकंप के गतिविधि
गेविलट ने कहा, यह फॉल्ट लंबे समय से अपने स्थान से सरका नहीं है, जिसका मतलब यह है कि एक भीषण भूकंप आने की आशंका प्रबल है. सवाल यह नहीं है कि क्या यह आ रहा है? यहां सवाल यह है कि यह कब आ रहा है. इस फॉल्ट पर कुछ भूकंपीय गतिविधि होने के भी प्रमाण मिले हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि एक भूकंप ने फॉल्ट के एक हिस्से को पांच मीटर या उससे कुछ अधिक तक ऊपर उठा दिया था. संभवत: यह 4000 साल पहले हुआ था.
शोधकर्ताओं ने कहा कि स्थानीय मठों के लिखित रिकॉर्ड कुछ हजार साल पहले तीव्र भूकंप का जिक्र करते हैं. हालांकि उनमें इस बात के ज्यादा प्रमाण नहीं हैं कि फॉल्ट पर कितनी जल्दी-जल्दी भूकंप आते थे या कब यह दोबारा आ सकता है.