जम्मू-कश्मीर विधानसभा में शनिवार को सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सदस्यों बीच कथित मरहामा भूमि घोटाले को लेकर खूब तू-तू, मैं-मैं हुई. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष मुबारक गुल ने व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कथित घोटाले से संबंधित राजस्व संबंधी तमाम दस्तावेजों को राज्य की अपराध शाखा ने पहले ही जब्त करके उनके सुपुर्द कर दिया है. ऐसे में उनसे छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता. इससे जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
अध्यक्ष ने कहा, 'बिक्री के दस्तावेज पर विधानसभा उपाध्यक्ष सरताज मदनी के हस्ताक्षर गवाह के तौर पर दर्ज हैं.'
इससे पहले, मदनी ने खुद का बचाव करते हुए कहा था कि अगर लाभ पाने से संबंधित कोई भी आरोप उनके खिलाफ साबित हो गया, तो वह विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि उन्होंने बिक्रीनामे पर दस्तखत की बात मानी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुहम्मद अकबर लोन और नसीर असलम वानी ने कहा कि पीडीपी के एक सदस्य को कथित भूमि घोटाले में बिक्रीनामे का लाभ मिला है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने कहा कि मरहामा में भूमि हथियाने के लिए कृषि योग्य भूमि की उपयोग प्रकृति बदली गई.