जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के चार साल बाद इसकी वैधानिकता पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना रहा है. SC के फैसले से पहले खबर आई कि पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को सुबह से ही उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है. हालांकि, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऐसे सभी दावों को सिरे से खारिज किया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने का निर्णय लिया था. केंद्र के इस फैसले के बाद जम्मू से विशेष राज्य का दर्जा छिन गया था और यह केंद्र के अधीन आ गया था. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. फिलहाल, आज यह साफ हो जाएगा कि केंद्र का फैसला संवैधानिक रूप से वैध था या नहीं? केंद्र सरकार का कहना है कि सही समय आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा.
'मुफ्ती के दरवाजे सील करने का आरोप'
आर्टिकल 370 पर SC के फैसले से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को 'हाउस अरेस्ट' किए जाने का दावा किया गया. यह दावा उनकी पार्टी ने किया. पार्टी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाए जाने से पहले ही पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए हैं और उन्हें अवैध रूप से नजरबंद कर दिया है. उसके बाद जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक्स हैंडल से पोस्ट किया गया. इसमें कहा, आज सुबह-सुबह JKNC के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को उनके घर के अंदर बंद कर दिया गया. कितनी शर्म की बात है.
'LG ने आरोपों को खारिज किया'
हालांकि, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. एलजी ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले किसी की नजरबंदी या गिरफ्तारी की खबर 'पूरी तरह से निराधार' है.
'अब्दुल्ला के आवास के बाहर एकत्रित होने की अनुमति नहीं'
इस बीच, पुलिस ने पत्रकारों को भी फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के आवास के पास इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी. यहां पुलिस कर्मियों की एक टीम तैनात की गई है. पत्रकारों को नेकां नेताओं के आवास के आसपास कहीं भी जाने की अनुमति नहीं दी गई है. NC के एक नेता ने कहा, आवास के मुख्य द्वार पर सुबह पुलिस ने ताला लगा दिया है. एनसी की अतिरिक्त राज्य प्रवक्ता सारा हयात शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उमर अब्दुल्ला को उनके घर में बंद कर दिया गया है. उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर अब्दुल्ला निवास के बंद गेट की तस्वीरें भी पोस्ट कीं.
उमर अब्दुल्ला ने एलजी से कहा, ये जंजीरें जो मेरे गेट पर लगाई गई हैं, वे मैंने नहीं लगाई हैं. आप अपने पुलिस बल द्वारा किए गए काम से इनकार क्यों कर रहे हैं. यह भी संभव है कि आपको पता ही न हो कि आपकी पुलिस क्या कर रही है? क्या आपकी पुलिस आपसे स्वतंत्र होकर काम कर रही है?
'दिल्ली में हैं फारूक अब्दुल्ला'
बताते चलें कि अक्टूबर 2020 में अपना आधिकारिक आवास खाली करने के बाद उमर अब्दुल्ला यहां अपने पिता के साथ रहते हैं. जबकि फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर से संसद सदस्य हैं. वे मौजूदा संसद सत्र के लिए दिल्ली में हैं. उनके बेटे घाटी में हैं.