जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद यहां सरकार को लेकर कश्मकश जारी है. इस बीच रविवार को पीडीपी विधायकों की बैठक में महबूबा मुफ्ती रो पड़ीं.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया, 'मीटिंग में विधायकों से लेकर सांसदों तक सभी की आंखें नम थी. कुछ लोग तो रो भी रहे थे. लेकिन सरकार के गठन पर कोई चर्चा नहीं हुई. महबूबा सरकार बनाने की जल्दबाजी में नहीं हैं.'
बैठक में सरकार पर चर्चा नहीं
यहां राजनीति को लेकर नया सस्पेंस शुरू हो गया है. महबूबा मुफ्ती के नितिन गडकरी और फिर सोनिया गांधी से मिलने के बाद अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं. लेकिन मुफ्ती के निधन के चार दिन बाद रविवार को हुए पीडीपी की बैठक में सरकार के गठन पर कोई चर्चा नहीं की गई. सिर्फ पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करने पर चर्चा हुई.
शपथ लेने से इनकार
मुफ्ती के निधन के दिन ही खबरें आ रही थी कि उनकी बेटी और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा जल्द ही जम्मू-कश्मीर की सीएम के तौर पर शपथ ले सकती हैं. इसके लिए राज्यपाल को चिट्ठी भी लिखी गई थी लेकिन महबूबा ने शपथ लेने से इंकार कर दिया था. पीडीपी ने संकेत दिए थे कि मुफ्ती के निधन पर चार दिनों के शोक के बाद ही सरकार के गठन पर कोई फैसला किया जाएगा.
बीजेपी में नहीं एक राय
बीजेपी के दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि ये जरूरी नहीं कि मुफ्ती के बाद उनकी बेटी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाए. उन्होंने कहा, 'अगर मुफ्ती साहब गुजर गए हैं, तो ये जरूरी नहीं कि उनकी बेटी ही अगली मुख्यमंत्री बनें. दोनों पार्टियों को बैठकर इस पर फैसला करना चाहिए.' इससे साफ है कि बीजेपी सीएम पद के लिए विकल्पों पर भी विचार करने को तैयार है. आपको बता दें कि बीजेपी ने बारी-बारी दोनों पार्टियों से सीएम बनाने की शर्त पहले ही पीडीपी के सामने रख दी थी. फिलहाल जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है.