जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें राजनीतिक बदले की भावना के साथ निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार पीडीपी के नेताओं को लालच और धमकी देकर पार्टी को परेशान करने की कोशिश कर रही है.
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'भारत सरकार पीडीपी के सदस्यों को लुभाने और धमकी के जरिये पार्टी को खत्म करने की कोशिश कर रही है. ईडी जैसी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल मुझे डराने-धमकाने के लिए किया जा रहा है. मामला तब और बदतर हो गया है जब मुझे पासपोर्ट देने से इनकार कर मुझे अपने मौलिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है. यदि यह राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है तो क्या है?'
GOI is trying to dismantle PDP by luring & threatening its members. Investigative agencies like ED are being used to intimidate me. To make matters worse, Im being denied of my fundamental right to a passport. If this isn’t political vendetta then what is?
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 26, 2021
इससे पहले, महबूबा मुफ्ती ने लिखा था कि मेरी अनिच्छा के बावजूद पूछताछ के लिए मुझे एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. यह सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है. पूर्व सीएम ने कहा कि ED की पूछताछ के दौरान उन्होंने कहा कि वो वकील से राय लेने के बाद ही दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगी लेकिन जांच का कहना था कि अगर उन्होंने सिग्नेचर नहीं किए तो उसके नतीजे भुगतने होंगे.
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में महबूबा मुफ्ती गुरुवार को ईडी के समक्ष पेश हुईं. ईडी ऑफिस से बाहर निकलने के बाद उन्होंने कहा था कि इस देश में सरकार से असहमति दिखाने वालों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है. जो भी विरोध करते हैं या बोलते हैं उन्हें किसी केस में फंसा दिया जाता है. महबूबा मुफ्ती से करीब पांच घंटे पूछताछ चली थी. उनसे बिजबेहरा लैंड को लेकर पूछताछ की गई, जो उनके पिता के नाम पर था.