जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दिनों में तीन आतंकी हमलों की कोशिश की गई है. जम्मू के सुंजवां के बाद सोमवार सुबह श्रीनगर के सीआरपीएफ हेडक्वार्टर पर भी हमले की कोशिश की गई थी. हमले की जिम्मेदारी लश्कर ने ली है. लगातार हो रहे आतंकी हमलों पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की है, वहीं पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान पर कड़ा बयान दिया है.
मुफ्ती ने ट्वीट कर अपील की है कि अगर हमें इस खून-खराबे को रोकना है तो पाकिस्तान के साथ बातचीत करना जरूरी है. उन्होंने लिखा कि मुझे पता है कि शाम तक मेरे इस बयान पर मुझे एंटी नेशनल घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन वो मायने नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि हमलों के कारण जम्मू-कश्मीर के लोग मुश्किल झेल रहे हैं. जंग किसी भी तरीके से कोई विकल्प नहीं है.
Dialogue with Pakistan is necessary if we are to end bloodshed. I know I will be labelled anti-national by news anchors tonight but that doesn’t matter. The people of J&K are suffering. We have to talk because war is not an option.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 12, 2018
अब्दुल्ला बोले- PAK की बढ़ेगी मुसीबत
वहीं मुफ्ती के बयान से उलट जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि जितना आतंकवाद बढ़ेगा, उतनी मुसीबत आएगी और पाकिस्तान में ज्यादा मुसीबत आएगी. वहां कुछ भी नहीं आएगा. अब्दुल्ला ने कहा कि अगर यही सूरत रही तो हिंदुस्तान की हुकुमत को भी सोचना पड़ेगा कि अगला कदम क्या होगा.
Jitna aatankwad badhega, utni musibat aayegi, aur unke mulq me jyada musibat aayegi. Waha kuch bhi nahi rahega. Agar yahi surat rahi to Hindustan ki hukumat ko bhi sochna padega ki agla kadam kya hoga: Former J&K Chief Minister Farooq Abdullah on #SunjwanArmyCampAttack pic.twitter.com/E49O1zRjJB
— ANI (@ANI) February 12, 2018
आपको बता दें कि शनिवार सुबह जम्मू के सुंजवां में हमले के बाद, रविवार को शोपियां में सेना के कैंप पर फायरिंग की गई और सोमवार को श्रीनगर के सीआरपीएफ मुख्यालय पर हमला हुआ. शनिवार को सुंजवां आर्मी कैंप पर हमले में 5 जवान शहीद हुए थे, वहीं सोमवार को श्रीनगर में एक जवान शहीद हुआ है. एनकाउंटर अभी भी जारी है.
आपको बता दें कि इससे पहले भी महबूबा मुफ्ती ने रियासत में अमन के लिए पीओके जाने वाले रास्तों को खोल देने की पैरवी की थी. शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में चर्चा के दौरान महबूबा ने कहा कि अगर राज्य में अमन और शांति कायम करनी है तो पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब का विजन अपनाना पड़ेगा.
बॉर्डर पर भी ठीक नहीं हैं हालात
एक तरफ घाटी के अंदर आतंकी लगातार सुरक्षाबलों पर हमला कर रहे हैं. दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सीज़फायर उल्लंघन करती है. लगातार सीज़फायर कर पाकिस्तान की कोशिश है कि भारतीय सीमा में आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए. पाकिस्तान की ओर से अब तक 2018 में करीब 160 से अधिक बार सीज़फायर को तोड़ा गया है.