पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के चार अप्रैल को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने की संभावना है. वह राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. पीडीपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली से कुछ वरिष्ठ नेताओं का समय मिल जाने के बाद के बाद शपथ ग्रहण समारोह चार अप्रैल को हो सकता है.
राज्यपाल के सामने सरकार गठन का दावा
महबूबा शनिवार को राज्यपाल एन एन वोहरा से मिली थीं. उन्होंने बीजेपी के 25 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वह देश की पहली मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री बनेंगी. जम्मू कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 27 विधायक हैं.
शांति, सुलह और विकास पर होगा फोकस
यह बात कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन 31 मार्च से पहले शपथ नहीं लेगा तब स्पष्ट हो गई जब वोहरा की अगुवाई वाली राज्य प्रशासनिक परिषद की सोमवार को हुई बैठक में तीन महीने के लिए लेखानुदान मंजूर किया गया. 56 साल की महबूबा ने साफ कर दिया है कि सरकार का ध्यान शांति, सुलह और राज्य के विकास पर होगा.
महबूबा बोलीं- गठबंधन में कोई मतभेद नहीं
महबूबा ने शनिवार को इस बात से इनकार किया था कि पीडीपी और बीजेपी के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर मतभेद है. उन्होंने कहा था कि विभागों को लेकर हमारे बीच क्या मतभेद होगा? यह गठबंधन सरकार है और हम अलग-अलग निकाय नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार से तीन देशों की यात्रा पर जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अप्रैल को लौट आएंगे, लेकिन अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों की वजह से उनके शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने की संभावना नहीं है.
बीजेपी के निर्मल सिंह होंगे उपमुख्यमंत्री
महबूबा सर्वसम्मति से पीडीपी विधायक दल की नेता चुनी गई और उन्हें पार्टी के मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया. उधर बीजेपी के सभी 25 विधायकों ने शीतकालीन राजधानी जम्मू में बैठक कर निर्मल सिंह को अपना नेता चुना. सिंह नई सरकार में उपमुख्यमंत्री होंगे. मुफ्ती मोहम्मद सरकार में भी वह उपमुख्यमंत्री थे.
एजेंडा ऑफ एलायंस पर काम करेगी सरकार
पीडीपी-बीजेपी गठबंधन ने साल 2015 में पहली मार्च को गठबंधन बनाया था और सईद मुख्यमंत्री बने थे. दोनों दलों ने गठबंधन के लिए एजेंडा ऑफ एलायंस बनाया था, जिसके आधार पर वह आगे भी काम करेगा. मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद आठ जनवरी को प्रदेश में राज्यपाल शासन लगा दिया था. तब महबूबा ने तत्काल सत्ता संभालने से इनकार कर दिया था. फिलहाल प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू है.