पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत ने बगैर किसी सबूत के हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अगर भारत के पास पाकिस्तान के खिलाफ कोई सबूत हैं तो वह हमें सौंपे, हमारी सरकार गारंटी से उस पर कार्रवाई करेगी. इसके जवाब में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने इमरान खान को एक मौका देने की वकालत की है.
महबूबा मुफ्ती ने इमरान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'असहमत, पठानकोट का डोजियर इनको सौंपा गया था. लेकिन दोषियों को सजा दिलाने के लिए कोई एक्शन नहीं हुआ. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक मौका मिलना चाहिए क्योंकि वह चुनकर आए हैं. जाहिर तौर पर जंग-नारे सिर्फ आगामी चुनाव के लिए दिए जा रहे हैं, इससे ज्यादा उनका कोई मतलब नहीं है.'
Disagree. Pathankot dossier was given to them but no action was taken to punish the perpetrators . Time to walk the talk. But Pak PM deserves a chance since he’s recently taken over. Of course the war rhetoric has more to do with the impending elections than anything else. https://t.co/QIOxkzuSth
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 19, 2019
बता दें कि भारत इससे पहले भी पाकिस्तान को कई बार आतंकी हमलों के बाद सबूत दे चुका है. फिर चाहे उरी का हमला हो या फिर पठानकोट एयरबेस पर हुआ आतंकी हमला. लेकिन पाकिस्तान ने एक बार भी आतंक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया, बल्कि अपनी जमीन को आतंकियों की पनाहगाह बनने दिया.
पुलवामा हमले की जिम्मेदारी भी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है जिसका सरगना मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान में खुला घूम रहा है. इसके अलावा मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड और लश्कर सरगना हाफिज सईद के खिलाफ भी कई बार सबूत पाकिस्तान को सौंपे जा चुके हैं, लेकिन उस पर भी पाकिस्तान की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
क्या था इमरान का बयान
पाकिस्तान के PM इमरान ने अपने बयान में कहा कि पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद के शामिल होने के सबूत अगर भारत दे तो वह कार्रवाई करने को तैयार हैं. भारत बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है. उन्होंने दावा किया कि नए पाकिस्तान में दहशतगर्दी के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार रहा है और आतंकवाद की वजह से देश के 70,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
इमरान ने कहा कि जब भी वह बातचीत का मसला उठाते हैं तो भारत पहले आतंकवाद पर बातचीत करने की शर्त रख देता है. हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन भारत को यह देखना होगा कि कश्मीर में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में आम चुनाव आने वाले हैं, इसलिए जंग का माहौल बनाया जा रहा है.