जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को आतंकवादियों ने एक 40 वर्षीय कश्मीरी पंडित की उस समय गोली मार कर हत्या कर दी, जब वह स्थानीय बाजार जा रहा था. इस घटना के बाद सियासत गरमा गई है. पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी यहां कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करने में विफल रही है. इतना ही नहीं, महबूबा ने यह भी कहा- जब ऐसी घटनाएं (पुलवामा मर्डर) होती हैं तो उन्हें (भाजपा) ऐसे कृत्यों के लिए मुसलमानों को निशाना बनाकर पूरे भारत में फायदा मिलता है.
बता दें कि दक्षिण कश्मीर जिले के अचन इलाके में एटीएम गार्ड के रूप में काम करने वाले संजय शर्मा की रविवार सुबह करीब 11 बजे उनके आवास से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर सीने में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना को आतंकियों ने अंजाम दिया है. सहयोगियों ने बताया कि संजय अपने समुदाय के सदस्यों पर आतंकी हमलों के बाद ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे.
बीजेपी पर अल्पसंख्यकों के जीवन को खतरे में डालने का आरोप
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने हमले के साजिशकर्ताओं पर निशाना साधा. अनंतनाग में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा- कुछ दिन पहले राइट विंग के आतंकवादियों ने राजस्थान में दो मुसलमानों की हत्या कर दी थी. आज आपने एक हिंदू को मार डाला. आपमें और उनमें क्या अंतर है? मुफ्ती ने घाटी में सामान्य स्थिति की तस्वीर पेश करते हुए भाजपा सरकार पर कश्मीर में अल्पसंख्यकों के जीवन को खतरे में डालने का आरोप लगाया.
कश्मीर जोन पुलिस ने ट्विटर पर कहा- आतंकवादियों ने एक स्थानीय बाजार जाते समय संजय शर्मा पुत्र काशीनाथ शर्मा निवासी अचन (पुलवामा) पर गोलीबारी की. दक्षिण कश्मीर रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी), रईस भट ने कहा कि यह एक सुनियोजित हमला था. उन्होंने कहा कि गांव में सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं.
'जल्द आतंकवादियों का पता किया जाएगा'
उन्होंने कहा- हमारे यहां भी सुरक्षा थी. यह हमला किन परिस्थितियों में हुआ, यह जांच का विषय है. इन जांचों से जो निकलेगा, उसके आधार पर हम आगे बढ़ेंगे. डीआईजी ने कहा- हम अब तक मिली जानकारी की छानबीन कर रहे हैं. इस अपराध में शामिल आतंकवादियों का जल्द ही पता लगाया जाएगा और उन्हें मार गिराया जाएगा. हम आतंकवादियों को उनके नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे.
इस साल कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के किसी सदस्य पर यह पहला हमला था. पिछले साल आतंकवादियों ने नागरिकों पर लगभग 30 हमले किए, जिसमें तीन कश्मीरी पंडितों, राजस्थान के एक बैंक प्रबंधक, जम्मू की एक महिला शिक्षक और आठ गैर-स्थानीय श्रमिकों सहित 18 लोगों की मौत हो गई.
LG ने घटना पर दुख जताया
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राजनीतिक दलों ने हत्या की निंदा की. सिन्हा ने कहा कि प्रशासन ने आतंकवादियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है. उपराज्यपाल ने कहा, शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. प्रशासन ने आतंकवादियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी है और हम आतंकवाद के ऐसे कृत्यों का दृढ़ता और निर्णायक रूप से मुकाबला करना जारी रखेंगे.
हालांकि, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बर्बर हत्या घाटी में सुरक्षा तंत्र और कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है. संजय की बर्बर हत्या के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ है. शोक संतप्त परिवार के साथ मेरी गहरी संवेदना और अटूट समर्थन है. निंदा और शोक के शब्द खोखले हैं और लोगों के जीवन की सुरक्षा के सरकार के आश्वासन भी खोखले हैं. यह हत्या फिर से घाटी में सुरक्षा तंत्र, कानून व्यवस्था की स्थिति पर परेशान करने वाला सवाल खड़ा करती है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हत्या की निंदा की. उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा- बेहद दुखी हूं... संजय एक बैंक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम कर रहे थे और आज सुबह एक आतंकवादी हमले में मारे गए. मैं इस हमले की एक स्वर से निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं भेजता हूं.
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा- कोई भी हत्या, विशेष रूप से टारगेट किलिंग गंभीर चिंता का विषय है और निंदनीय है. हम इसकी निंदा करते हैं. आजाद ने सरकार से ऐसी हत्याओं के लिए सुरक्षा और अन्य एजेंसियों को जवाबदेह बनाने की अपील की.