जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है. उन्होंने सीएम योगी पर जम्मू-कश्मीर में प्लॉट्स को लेकर आरोप लगाया और कहा कि उन्हें पहले उत्तर प्रदेश के बेघरों को घर उपलब्ध करवाना चाहिए. इसके अलावा, मुफ्ती ने सेना के जवानों पर भी विवादित एक बार फिर से विवादित बयान दिया है.
यूपी सीएम योगी पर बरसीं महबूबा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर महबूबा मुफ्ती ने जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, ''यूपी के सीएम कह रहे हैं कि अब लोगों को जम्मू-कश्मीर में प्लॉट्स उपलब्ध करवाए जाएंगे. जम्मू-कश्मीर में प्लॉट्स देने से पहले उन्हें उत्तर प्रदेश में बेघर लोगों को घर मुहैया करवाने चाहिए. साथ ही उन्हें भूखे लोगों को खाना भी उपलब्ध करवाना चाहिए.'' बता दें कि महबूबा मुफ्ती लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी नेताओं पर बरसती रही हैं. हाल ही में उन्होंने तालिबान के जरिए से केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. मुफ्ती ने कहा था कि तालिबान ने अमेरिका को भागने पर मजबूर किया. हमारे सब्र का इम्तेहान मत लो. जिस दिन सब्र का इम्तेहान टूटेगा, आप भी नहीं रहोगे. मिट जाओगे.
जवानों पर महबूबा का विवादित बयान
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया. मुफ्ती ने कहा, ''साल 2002 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनने से पहले, सुरक्षा बल के जवान बुजुर्गों की तलाशी के बहाने से उनकी टोपी उतार देते थे. सर्च के समय जवान हमारी लड़कियों के चादर को छीन लेते थे. मिलिटेंट्स रात में लोगों के घरों में जाते थे और फिर अगले दिन सुबह सुरक्षा बल के जवान आम आदमियों के घर में जाकर मिलिटेंट्स के बारे में पूछताछ करके प्रताड़ित करते थे. इसके बाद जब मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने, तब यह सब प्रताड़ना खत्म हो सकी.''
किसान मुद्दे पर महबूबा ने दी थी सरकार को नसीहत
पिछले दिनों महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से किसानों के मुद्दों पर नसीहत देते हुए ध्यान केंद्रित करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि तालिबान भारत में नहीं, बल्कि अफगानिस्तान में है. सरकार का फोकस किसानों के मुद्दे होने चाहिए. पुंछ के सूरनकोटे इलाके में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पिछले कई महीनों से किसान धरने पर बैठे हुए हैं. सरकार का मुख्य फोकस किसानों के मुद्दे पर होना चाहिए.