जम्मू-कश्मीर के हालात पर एक तरफ जहां कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है, तो वहीं नेताओं और सियासी जगत में अजीब सी बेचैनी है. केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद अमरनाथ यात्री और सैलानी आनन-फानन में घाटी छोड़कर लौट रहे हैं.
इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के हालात पर चिंता जताई है. महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यात्रियों, पर्यटकों और छात्रों को कश्मीर से जाने को कहा गया है, कश्मीरियों को राहत देने की कोशिश नहीं की जा रही है. महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री मोदी पर निधाना साधते हुए कहा, कहां गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत?
Evacuate yatris, tourists, labourers, students & cricketers. Willingly create a sense of panic & distress but don’t bother giving Kashmiris a sense of relief or security.
Kahan gayi insaniyat, kashmiriyat aur jamhooriyat? https://t.co/Y45AxiMwwq
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 4, 2019
रविवार को महबूबा मुफ्ती होटल में जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बैठक करने वाली थीं, लेकिन राज्य पुलिस ने सभी होटलों को एडवाइजरी जारी कर राजनीतिक बैठक रद्द करने के लिए कहा है. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम केंद्र सरकार को ये बताना चाहते हैं कि धारा 370 और अनुच्छेद 35ए से छेड़छाड़ करने के नतीजे बहुत खतरनाक होंगे. हमने बात करने की कोशिश की, लेकिन भारत सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है. लोग घबराए हुए हैं. सरकार बात करना नहीं चाहती.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, केंद्र सरकार को इस पर सफाई देनी चाहिए. हमने सभी क्षेत्रीय पार्टियों बैठकर बात करने का फैसला किया था. इसलिए हमने होटल में बैठने का फैसला किया था. पुलिस ने होटल को एडवाइजरी जारी की है और राजनीतिक दलों की बैठक पर रोक लगा दी है. इसलिए हमें होटल से मीटिंग रद्द कर शाम 6 बजे अपने घर पर रखनी पड़ी. फारूक अब्दुल्ला से मैंने बात की उनकी तबीयत ठीक नहीं है, लेकिन उमर अब्दुल्ला आएंगे. आप (केंद्र) जो करने जा रहे हैं वो पूरे देश के लिए खतरनाक होगा.