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घाटी में सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे आतंकी, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

सूत्रों के अनुसार ये सैटेलाइट फोन स्मार्टफोन की तरह ही हैं, लेकिन ये मोबाइल टावर के बजाय सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट होते हैं. सुरक्षा एजेंसियां ​​ पूरे मामले की जांच कर रही हैं और पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि किस पैमाने पर घाटी में सैटेलाइट फोन का उपयोग किया जा रहा है.

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सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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  • आतंकी गतिविधियों के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल
  • सुरक्षाबलों ने बरामद किए 2 सैटेलाइट फोन, लोकेशन ट्रेस

कश्मीर घाटी में आतंकवादी इंटरनेट के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसी कुछ घटनाएं हैं, जिनमें सुरक्षाबलों को सैटेलाइट फोन मिले हैं और कुछ घटनाओं में सिग्नल भी ट्रेस किए गए हैं. विवरण के मुताबिक पिछले महीने उत्तर कश्मीर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने 2 सैटेलाइट फोन बरामद किए थे.

ऐसे ही एक फोन के सिग्नल को श्रीनगर के एक इलाके से भी ट्रेस किया गया था और उसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. बीएसएफ के आईजी अजमल सिंह ने कहा कि इससे निपटने के लिए हम काम कर रहे हैं. हमारे पास इस तरह के ट्रांसमिशन को ट्रेस और इंटरसेप्ट करने के लिए उपकरण उपलब्ध हैं.

मामले की जांच में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां

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सूत्रों के अनुसार ये सैटेलाइट फोन स्मार्टफोन की तरह ही हैं, लेकिन ये मोबाइल टावर के बजाय सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट होते हैं. सुरक्षा एजेंसियां ​​पूरे मामले की जांच कर रही हैं और पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि किस पैमाने पर घाटी में सैटेलाइट फोन का उपयोग किया जा रहा है. घाटी में पहले भी सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि इंटरनेट और मोबाइल फोन शुरू होने के बाद आतंकवादियों ने इनका इस्तेमाल करना बंद कर दिया था.

डिटेक्ट की गई सैटेलाइट फोन की लोकेशन

बीएसएफ के आईजी ने कहा कि सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल सुरक्षा के लिहाज से बड़ा संकट माना जा रहा है. इसके जरिए आतंकी सरहद पार से आतंकी गतिविधियों के लिए निर्देश लेते हैं. गांदरबल के जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादियों के मारे जाने के बाद उनके पास से सैटेलाइट फोन बरामद हुए थे. वहीं श्रीनगर के बाहरी इलाके से भी एक सैटेलाइट फोन की लोकेशन डिटेक्ट की गई थी. बता दें कि 5 अगस्त को घाटी में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी गई थी.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान घाटी के माहौल को बिगाड़ने की साजिश रच रहा है, लेकिन सुरक्षाबलों की कड़ी चौकसी की वजह से आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया जा रहा है.

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