अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक आतंकवाद को आर्थिक सहयोग देने से जुड़े एक मामले में आज एनआईए के समक्ष पेश हुए. इसके लिए वह जम्मू कश्मीर से सुबह ही दिल्ली पहुंचे थे. अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. उन्हें हाल ही में तीसरी बार समन भेजा गया था जिसमें उन्हें आश्वस्त किया गया था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उनकी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
अलगाववादी धड़े के सदस्यों ने कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस नेता अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन और मौलाना अब्बास अंसारी ने मीरवाइज के पीछे रैली करने का फैसला किया है और उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए एनआईए के मुख्यालय तक उनके साथ जाएंगे.
Jammu & Kashmir: Hurriyat Chairman, Mirwaiz Umar Farooq leaves from his residence in Srinagar for Delhi. He will appear before the National Investigation Agency (NIA) in connection with a terror funding case today. pic.twitter.com/IyVomRy2xS
— ANI (@ANI) April 8, 2019
एनआईए ने 26 फरवरी को मीरवाइज सहित कई अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर तलाशी ली थी. एनआईए ने पहले ही मीरवाइज के दो रिश्तेदारों मौलवी मंज़ूर और मौलवी शफ़ात और उनके करीबी सहयोगियों से पिछले साल पूछताछ की थी. मंज़ूर और शफ़ात दोनों सेवानिवृत्त वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं.
मीरवाइज को 11 और 18 मार्च को एनआईए के समक्ष पेश होने के कहा गया था. लेकिन उन्होंने दिल्ली में अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए जांच में शामिल होने में अपनी असमर्थता जताई थी. मीरवाइज का कहना था कि उन्हें एनआईए की नोटिस बारे में जानकारी नहीं है और अलगाववादी नेता को नोटिस केवल गलत धारणाओं, सूचना और दुर्भावना से जारी किया गया है.
बता दें कि एनआईए जांच में आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग, सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों को जलाने और सरकारी प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने के पीछे तत्वों की पहचान करना है. इस मामले में पाकिस्तान स्थित जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज़ सईद, प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा, सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले हुर्रियत गुट जैसे संगठनों के अलावा मीरवाइज, हिजबुल मुजाहिदीन और दुख्तारन-ए-मिलत जांच के घेरे में हैं.