जम्मू कश्मीर की आजादी के नाम पर हिंसा को बढ़ावा देने वाले अलगाववादियों की सुविधाएं अब बंद हो सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार अलगाववादियों को दी जा रही सरकारी सुविधाओं पर रोक लगा सकती है.
अलगाववादियों की सुविधाएं बंद किए जाने की लगातार मांग उठ रही है और अब केंद्र सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर सकती है. अलगाववादियों को मिलने वाली हवाई टिकट, कश्मीर से बाहर जाने पर होटल और गाड़ियों जैसी सुविधाएं वापस ली जा सकती है.
अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी वापस लिए जाने की मांग उठी है, लेकिन इस पर फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार को लेना है. फिलहाल अलगाववादियों की सिक्योरिटी में 900 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं. जम्मू-कश्मीर सरकार के सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों पर हो रहे खर्च का कुछ हिस्सा केंद्र उठाता रहा है. केंद्र अब इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है. जम्मू-कश्मीर सरकार कुल खर्च का लगभग दस प्रतिशत उठाती है.
अलगाववादियों की सुरक्षा पर 5 साल में खर्च हुए 506 करोड़
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, पिछले पांच सालों में जम्मू कश्मीर सरकार ने अलगाववादियों की सिक्योरिटी पर 506 करोड़ रुपये खर्च किए. सरकार ने पांच सालों में इन लोगों को होटलों में ठहराने पर ही
लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च किए. इन्हीं खर्चों को देखते हुए अलगाववादियों को दी जा रही सरकारी सुविधाएं बंद किए जाने की मांग हो रही है.