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अब गुलमर्ग नहीं जाएंगे G-20 देशों के मेहमान, दौरे से पहले 26/11 जैसे हमले की साजिश का खुलासा

कश्मीर में अचानक काफी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यहां श्रीनगर में 22 से 24 मई तक तीसरी जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की मेजबानी की तैयारी है, उससे पहले आतंकी हमले का पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद पूरी तरह ऐहतियात बरतने के आदेश दिए गए हैं. हिरासत में लिए गए आतंकवादियों के मुखबिर ने एक होटल में हमले को अंजाम देने की साजिश का खुलासा किया है, इसी होटल में G20 के प्रतिनिधियों को ठहरना था.

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ओवर ग्राउंड वर्कर के खुलासे के बाद कार्यक्रम में बदलाव किए गए हैं. (फाइल फोटो)
ओवर ग्राउंड वर्कर के खुलासे के बाद कार्यक्रम में बदलाव किए गए हैं. (फाइल फोटो)

जम्मू और कश्मीर में G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप (TWG) सम्मेलन से ऐन पहले कार्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है. आतंकवादी संगठनों ने गुलमर्ग में G20 की मीटिंग के दौरान 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की साजिश रची थी. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर आतंकवादियों ने गुलमर्ग के उसी होटल को निशाना बनाने का प्लान बनाया था, जिसमें विदेशी मेहमानों को ठहराया जाना था. इस होटल के ड्राइवर के पकड़े जाने पर पूरी साजिश से पर्दा उठा है. फिलहाल, सुरक्षा बलों को पूरी तरह मुस्तैद कर दिया गया है. मेहमान अब गुलमर्ग नहीं जाएंगे.

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सुरक्षाबलों ने पॉश होटल में काम करने वाले ओवर-ग्राउंड वर्कर (OGW) को हिरासत में लिया है, उससे पूछताछ की जा रही है. इस खुलासे के बाद सुरक्षा में बदलाव किए गए हैं. जी20 आयोजन स्थल के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं, कश्मीर पुलिस ने घाटी में G20 बैठक के बारे में अफवाहें फैलाने पर एक्शन लिया है और कथित रूप से इस्तेमाल किए जा रहे संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों के खिलाफ एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है.

'आतंकियों की मदद करते हैं ओवर-ग्राउंड वर्कर'

OGW वे लोग हैं जो आतंकवादियों को रसद सहायता, नकदी, आश्रय और अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ मदद करते हैं, जिनकी मदद से जम्मू-कश्मीर में हिज्ब-उल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे सशस्त्र समूह और उग्रवादी संगठन संचालित होने की खबरें आती हैं. सुरक्षा बलों ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में फारूक अहमद वानी को गिरफ्तार किया था.

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'होटल में ड्राइवर के तौर पर काम करता था वानी'

बारामूला के हैगाम सोपोर निवासी फारूक अहमद वानी गुलमर्ग के एक मशहूर फाइव स्टार होटल में ड्राइवर के तौर पर सेवाएं देता था. सूत्रों के मुताबिक, वो OGW के तौर पर आतंकी संगठनों से जुड़ा था और सीमा पार ISI के अधिकारियों के सीधे संपर्क में भी था.

'26/11 जैसे हमले का प्लान बनाए थे आतंकी?'

पूछताछ के दौरान वानी ने खुलासा किया कि आतंकवादियों का उद्देश्य होटल में घुसना और विदेशी गणमान्य लोगों समेत वहां मौजूद लोगों को निशाना बनाना था, ठीक उसी तरह जैसे आतंकवादियों ने मुंबई हमले के दौरान ताज होटल में गोलियां चलाईं और लोगों को बंधक बनाया था.

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'CCTV और ड्रोन से रखी जा रही है नजर'

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी कश्मीर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक साथ दो से तीन जगहों पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं. इसीलिए पूरे कश्मीर में, खासकर श्रीनगर में सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जा रही है.

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'गुलमर्ग की प्राकृतिक सुंदरता नहीं देख पाएंगे मेहमान?'

फिलहाल, आतंकी हमले का खुलासा होने के बाद विदेशी मेहमानों के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. मेहमानों को अब प्रसिद्ध हिल रिसॉर्ट गुलमर्ग लेकर नहीं जाया जाएगा. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, G20 समिट में हमले की योजना आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद ने बनाई थी. आतंकियों के टारगेट पर श्रीनगर है और घाटी में आत्मघाती हमले की आशंका जताई जा रही है. Peoples Anti-Facist Force के आतंकी तनवीर अहमद राथर ने घाटी में आतंकी हमले की साजिश रची थी.

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जैश के आतंकी टेलीग्राम पर एक्टिव हैं और घाटी में राजौरी जैसी आतंकी घटना को अंजाम देकर अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं. उनका मकसद G20 के दौरान अंतराष्ट्रीय पटल पर कश्मीर को मुद्दा बनाकर भारत की छवि को खराब करना है.

इन एरिया में जारी किया गया है अलर्ट

डाउनटाउन, डलगेट, पारिमपोरा, फॉरेशोर, हैदरपोरा, हाइवे, दक्षिण कश्मीर, नरबल, सोपोर, गांदरबल, 90 फीट, गुलमर्ग.

क्या हुआ था मुंबई में? 

26 नवंबर 2008 की शाम पाकिस्तान के 10 आतंकी भारत में घुस आए थे. आतंकियों ने अलग-अलग जगह जाकर गोलियां बरसाई थीं. आतंकियों ने रेलवे स्टेशन, ताज होटल, ओबेरॉय होटल और चबाड हाउस जैसी जगहों को निशाना बनाया था. 26 नवंबर की रात 9 बजकर 43 मिनट पर शुरू हुआ आतंक का तांडव 29 नवंबर की सुबह 7 बजे खत्म हुआ था. 

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मुंबई की सड़कों पर मौत का ये तांडव 60 घंटों तक चला था. इन हमलों में 150 से अधिक लोग मारे गए थे. कई आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया था. एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई. मुंबई हमलों में मुंबई पुलिस, एटीएस और एनएसजी के 11 जवान शहीद हुए थे.

 

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