मुस्लिम लीग के नेता मसरत आलम को शनिवार को बारामूला जेल से रिहा कर दिया गया. जम्मू कश्मीर सरकार में शामिल बीजेपी आलम की रिहाई का विरोध कर रही थी, लेकिन मुफ्ती सरकार ने बीजेपी के विरोध की परवाह नहीं की.
मुफ्ती सरकार ने आलम को जेल में रखने के आदेश को रद्द करते हुए उन्हें रिहा किया. उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. 42 वर्षीय आलम जेल में बंद अकेले राजनीतिक कैदी थे. उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था.
मुसरत आलम को हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का उत्तराधिकारी भी माना जाता है.