कश्मीर में भड़की हिंसा और इस हिंसा के चलते अमरनाथ यात्रा पर हुए विपरीत असर के बीच जम्मू से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एक अच्छी खबर सामने आई है. जम्मू में सर्वधर्म सदभाव की अनोखी मिसाल देते हुए हिंदू और मुस्लिम समुदाय ने अमरनाथ यात्रियों के लिए मिलकर लंगर लगाया.
जम्मू की पुरानी मंडी में राम मंदिर के सामने अमरनाथ दर्शन के लिए आए साधुओं और यात्रियों के लिए लगे लंगर ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की अनोखी मिसाल पेश की. जहां एक तरफ कश्मीर घाटी में अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जम्मू में हिंदू-मुस्लिम मिलकर देश भर से जम्मू पहुंच रहे अमरनाथ यात्रियों के लिए लंगर लगाकर उनका स्वागत कर रहे हैं. इस लंगर के संचालन में सहायता कर रहे मुस्लिम समुदाय का दावा है कि कोई भी धर्म यह नहीं सीखता कि दूसरे धर्म के लोगों की धार्मिक आजादी छीन ली जाए.
यह लोग कश्मीर में पत्थरबाजी या हिंसा में शामिल लोगों से न केवल शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं बल्कि उनसे यात्रियों को अमरनाथ तक आराम से जाने देने की मांग भी कर रहे हैं. उनका दावा है कि इस्लाम भाईचारे का संदेश देता है. उनका यह भी कहता है कि किसी भी शख्स की सेवा उसका धर्म देख कर नहीं की जाती.
लंगर के हिंदू आयोजक दावा कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर अपने भाईचारे के लिए मशहूर है. यहां अलग-अलग समुदायों के लोग एकजुट रहते हैं. उनका दावा है कि भगवान और अल्लाह एक हैं. लंगर के हिंदू संचालक यह भी दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को जितनी मर्जी तोड़ने की कोशिश करे, यहां हिंदू मुस्लिम भाईचारा नहीं टूट सकता.
इस लंगर से प्रशाद लेकर जा रहे साधु भी हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की इस अनोखी मिसाल को देखकर काफी खुश हैं. उनका दावा है कि जो पाकिस्तान कश्मीर में लोगों को भड़का कर हिंसा फेला रहा है, यह लंगर और यह भाईचारा उसके मुंह पर एक तमाचा है.