जम्मू-कश्मीर के राजौरी में 17 लोगों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. एहतियात बरतते हुए जम्मू-कश्मीर की सरकार ने राजौरी संभाग के सुदूर बधाल गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. पूरे गांव की कड़ी निगरानी की जा रही है. अब तक माना जा रहा था कि इतने लोगों की जान जाने की वजह कोई रहस्यमयी बीमारी है. लेकिन अब केंद्रीय मंत्री ने इस दावे को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है.
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा,'जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पिछले एक महीने में 17 लोगों की जान जाने की वजह रहस्यमयी बीमारी नहीं है. इसके पीछे किसी संक्रामक रोगाणु के होने की संभावना खारिज हो चुकी है. प्रारंभिक जांच में अज्ञात विषाक्त पदार्थों के कारण बीमारी के होने की संभावना जताई गई है. शुरुआती जांच में जहरीला पदार्थ होने की बात सामने आई है.'
साजिश मिली तो होगा सख्त एक्शन
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लखनऊ की सीएसआईआर लैब की प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह बीमारी कोई संक्रमण, वायरल या बैक्टीरियल प्रकृति करी नहीं है. जहरीला पदार्थ पाया गया है. अब यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि यह किस तरह का जहरीला पदार्थ है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है. अगर कोई साजिश पाई जाती है तो उचित कार्रवाई भी की जाएगी.
अब तक 17 लोगों की गई है जान
बता दें कि राजौरी के सुदूर बधाल गांव में रहने वाले 3 परिवारों में 7 दिसंबर से लेकर 19 जनवरी तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. एक दिन पहले (22 जनवरी) ही अधिकारियों ने इस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है. दहशत रोकने के लिए सार्वजनिक और निजी समारोह करने और उसमें शामिल होने पर रोक लगा दी गई है.
कुछ ही दिनों में हो जाती है मौत
मृतक परिवारों के करीबी रिश्तेदार और चार दूसरे ग्रामीण गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. गृह मंत्रालय ने रहस्यमयी मौतों की जांच के लिए 11 सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी टीम का गठन किया है. ये टीम चार दिन पहले राजौरी के इस गांव में पहुंच चुकी है. इस बीमारी के मरीजों में बुखार, दर्द, मतली, अत्यधिक पसीना आना और बेहोशी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं, जिसके कारण अक्सर अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों के अंदर ही उनकी मौत हो जाती है.