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जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले परिसीमन क्यों चाहती है मोदी सरकार?

जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बड़ी बैठक की और परिसीमन के बाद चुनाव कराने का भरोसा जताया, लेकिन कश्मीरी नेता परिसीमन को लेकर विरोध जता रहे हैं.

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जम्मू-कश्मीर के नेताओं से मिलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
जम्मू-कश्मीर के नेताओं से मिलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया जल्द होगी बहाल
  • परिसीमन के बाद चुनाव कराने का भरोसा दिया
  • परिसीमन से घाटी की पूरी सियासत बदल जाएगी

जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया बहाल करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कश्मीर के नेताओं के साथ मैराथन बैठक किया. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है. इससे पहले परिसीमन होना जरूरी है ताकि उसके बाद चुनाव कराए जा सकें. वहीं, कश्मीरी नेता राज्य के परिसीमन के मुद्दे पर असहमति जता रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि परिसीमन से आखिर कश्मीर में क्या सियासी समीकरण बदल जाएंगे, जिसके चलते बीजेपी परिसीमन के पक्ष में है तो कश्मीरी नेता विरोध कर रहे हैं? 

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जम्मू-कश्मीर में परिसीमन से तय होगा सियासी भविष्य

जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पांच अगस्त 2019 को पारित जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत ही अपनाई गई है. पुनर्गठन अधिनियम के तहत जम्मू कश्मीर राज्य अब दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर व लद्दाख में पुनर्गठित हो चुका है. ऐसे में पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम चल रहा है. इससे पहले यहां 1995 में परिसीमन का काम हुआ था. 

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं, क्योंकि इससे सियासी भविष्य पूरी तरह प्रभावित होगा. तयशुदा नियमों के मुताबिक, अगर परिसीमन हुआ तो जम्मू कश्मीर में सत्ता और राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल जाएगा. यह परिसीमन जम्मू बनाम कश्मीर या यह सिर्फ सीटों की संख्या बढ़ाने या उनके स्वरूप में संभावित बदलाव तक सीमित नहीं है बल्कि अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों के लिए विधायिका में आरक्षण को भी सुनिश्चित बनाएगा. 

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परिसीमन के बाद चुनाव कराने का भरोसा

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीरी नेताओं के साथ बैठक में इस बात पर जोर दिया कि सरकार सभी के सहयोग से परिसीमन प्रक्रिया और उसके बाद विधानसभा चुनाव करने के लिए प्रतिबद्ध है. शाह ने सभी नेताओं से परिसीमन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने में मदद करने का भी आग्रह किया. साथ ही पीएम ने भी सभी दलों को आश्वासन दिया कि वे परिसीमन प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा होंगे और उनके विचारों को लिया जाएगा. उन्होंने उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह किया. 

 

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