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कश्मीर में हिंसा के चलते नहीं लग पा रहे हैं भूकंपीय उपकरण, आ सकता है बड़ा भूकंप

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में जमीन के नीचे होने वाली किसी भी हलचल का पता लगाने के लिए यहां पर भूकंपीय उपकरणों का जाल बिछाने का फैसला किया था.

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घाटी में बड़े भूकंप की आशंका
घाटी में बड़े भूकंप की आशंका

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कश्मीर में बड़े भूकंप की आशंका के बीच राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में और ज्यादा जीपीएस और सीस्मोग्राफ सेंसर लगाने की योजना बनाई है. लेकिन कश्मीर घाटी में फैली अशांति और पत्थरबाजी के चलते इन उपकरणों को लगाने का काम ठप पड़ गया है. श्रीनगर में कश्मीर यूनिवर्सिटी में इस तरह के 10 उपकरण दिल्ली से लाने के बाद पड़े हुए हैं. इन उपकरणों को कश्मीर घाटी और आसपास के इलाकों में निर्धारित फॉल्ट जोन्स में लगाया जाना था.

घाटी में माहौल अशांत
कश्मीर घाटी में बड़े भूकंप की संभावना को लेकर कई स्टडीज आ चुकी हैं और इन चिंताओं के मद्देनजर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में जमीन के नीचे होने वाली किसी भी हलचल का पता लगाने के लिए यहां पर भूकंपीय उपकरणों का जाल बिछाने का फैसला किया था. इन उपकरणों को कहां-कहां लगाया जाना है, इसके लिए देश भर के जियोलॉजिस्ट के साथ राय मशविरा करके लोकेशंस तय की गईं. इसके लिए कश्मीर घाटी और आसपास के इलाकों में 10 लोकेशंस को छांटा गया है. इन सभी जगहों पर जुलाई महीने में उपकरण लगा लिए जाने की योजना थी. लेकिन जुलाई महीने में कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में हो रहे उपद्रवों के चलते माहौल अशांतिपूर्ण हो गया. इन स्थितियों में कश्मीर घाटी में भूकंपीय उपकरणों को लगाए जाने के लिए वैज्ञानिक स्थिति सामान्य हो जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

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वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता
राष्ट्रीय भूकंप केंद्र के निदेशक विनीत गहलोत के मुताबिक भूकंप के लिहाज से कश्मीर काफी संवेदनशील है. यहां पर कई इलाके ऐसे हैं, जहां पर जमीन के नीचे रह-रहकर हलचल हो रही है. ऐसे में यहां पर छोटे-छोटे भूकंप डोडा और बनिहाल के इलाके में आते रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिक छोटे भूकंपों को लेकर चिंतित नहीं हैं. भूकंप वैज्ञानिकों की चिंता इस बात को लेकर है कि यहां पर ऐसे कई इलाके हैं, जहां पर भूकंप एकदम ही नहीं आ रहे हैं और साथ ही वहां मौजूद फॉल्ट जोन में कोई उल्लेखनीय मूवमेंट नहीं हो रही है. ऐसे इलाको को भूकंप के लिहाज से फिलहाल साइलेंट कहा जा सकता है. लेकिन भूकंप की ये चुप्पी वैज्ञानिकों की नींद उड़ाए हुए है.

कभी भी आ सकता है बड़ा भूकंप
ऐसा ही एक इलाका है, चेनाब नदी के आसपास रियासी फॉल्ट का जोन. इस इलाके में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां पर रिक्टर स्केल पर 8 या इससे ज्यादा परिमाण का भूकंप आने की ज्यादा संभावना है. रियासी फॉल्ट के आसपास लगाए गए, जीपीएस सिस्टम भारतीय वैज्ञानिकों को इस बात के पूरे संकेत दे रहे हैं कि यहां पर भारी मात्रा में तनाव जमा हो गया है. लेकिन तनाव कब बड़ा भूकंप ला देगा इसका सही-सही जवाब किसी के पास नहीं है. लिहाजा रियासी फॉल्ट और आसपास के पीर पंजाल पहाड़ों में जमा हो रही भूकंपीय ऊर्जा के बारे में और ज्यादा तहकीकात करने के लिए भूकंप वैज्ञानिक और ज्यादा आंकड़े जुटाना चाह रहे हैं. इसके लिए कश्मीर घाटी और आसपास के इलाकों में 10 जीपीएस से लैस भूकंपीय सैंसर लगाए जाने हैं. ये भूकंपीय उपकरण धरती के नीचे हो रही किसी भई हलचल के बारे में नई दिल्ली में मौजूद राष्ट्रीय भूकंप केंद्र को अपना डेटा भेजते रहेंगे.

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...इन इलाकों में लग गए उपकरण
कश्मीर घाटी में भले ही भूकंपीय उपकरण लगने का काम ठप पड़ा हो लेकिन राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने कारकोरम के पहाड़ों में पिछले दो महीनों में 10 भूकंपीय उपकरण स्थापित कर दिए हैं. पैंगांग झील के आसपास पांच भूकंपीय उपकरण लगाए गए हैं और नुब्रा घाटी में पांच भूकंपीय उपकरण स्थापित कर दिए गए हैं. इसी के साथ जम्मू रीजन में भी और ज्यादा भूकंपीय उपकरणों को लगाने का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.

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