नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) श्रीनगर 15 अक्टूबर से दोबारा खुल जाएगा. जम्मू-कश्मीर में तनाव के चलते एनआईटी श्रीनगर की कक्षाएं रद्द कर दी गई थीं. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले ही एनआईटी कैंपस को बंद कर दिया गया था और दूसरे राज्यों के छात्रों को घर भेज दिया गया था. एनआईटी प्रशासन की ओर से हॉस्टल खाली करने के आदेश के बाद यहां के छात्रों में खलबली मच गई थी.
इससे पहले केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए जरूरी सामानों की उचित देखभाल कर रही है. केंद्र ने कहा कि 8,98,050 एलपीजी रिफिल को घरों में वितरित किया गया और बीते एक महीने में 6.46 लाख क्विंटल राशन बांटा गया है. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को अवगत कराते हुए सरकार ने कहा कि जनता को असुविधा से बचाने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं.
अदालत से कहा गया कि सरकार पहले से ही आवश्यक वस्तुओं के तीन महीने का भंडारण कर चुकी है. इन वस्तुओं में अनाज, लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) सिलेंडर, पेट्रोल व डीजल शामिल हैं. सरकार ने सेब उत्पादकों से इस मौसम में सेब खरीद के लिए स्पेशल मार्केट इंटरवेंशन प्राइस स्कीम शुरू की है.
सरकार ने क्या कदम उठाए
यह स्कीम मुख्य तौर पर जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादक जिलों सोपोर (बारामूला), परिमपोरा (श्रीनगर), शोपियां और बेटिंगो (अनंतनाग) में स्थित फल बाजार से फलों की खरीद पर केंद्रित होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों का शोषण नहीं हो और उन्हें लाभकारी मूल्य मिले.
स्थानीय अधिकारी भी सब्जी व मांस की पर्याप्त आपूर्ति का ध्यान रख रहे हैं. सरकार, स्थानीय अधिकारियों के साथ रोजाना के हालात की निगरानी कर रही है और कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठा रही है. शीर्ष अदालत से कहा गया कि पेयजल व बिजली की आपूर्ति शुरू से ही सुनिश्चित की गई है और 24 घंटे रखरखाव (मेंटेनेंस) सेवाएं प्रदान की जा रही है.