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पांच घंटे चली PDP की बैठक, BJP से गठबंधन पर महबूबा करेंगी अंतिम फैसला

जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार होगी? कौन मुख्यमंत्री होगा? क्या महबूबा मुफ्ती बीजेपी से गठबंधन करेंगी? नेशनल कॉन्फ्रेंस इस अनिश्चितता को कैसे भुनाने की कोशिश कर रही है?

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फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और J-K डिप्टी CM निर्मल सिंह
फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और J-K डिप्टी CM निर्मल सिंह

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जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने पर रविवार को भी कोई फैसला नहीं हुआ. पीडीपी के कोर ग्रुप की लगभग पांच घंटे चली मैराथन बैठक में पार्टी नेताओं ने एकमत से तय किया कि बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती करेंगी. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मीटिंग खत्म होने के बाद ट्वीट किया, 'अब बहुत हो चुका. अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो गठबंधन खत्म करो और जनता के बीच दोबारा जाओ.'

मैराथन बैठक में नहीं हुआ अंतिम फैसला
पिता की मौत के शोक में डूबी महबूबा मुफ्ती ने रविवार को पीडीपी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई. पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने बताया कि बैठक लगभग पांच घंटा चली, जिसमें बीजेपी से गठबंधन पर कोई फैसला नहीं हो पाया. अख्तर ने बताया, 'बीजेपी से गठबंधन पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती करेंगी.' उन्होंने कहा कि इस बैठक में पार्टी के सभी नेताओं ने अपने विचार रखें.

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क्या कहा फारूक ने
फारूक अब्दुल्ला ने पीडीपी और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'उनके पास जनादेश है. वे बैठें और बातकर आपसी मसले सुलझाएं. अगर वे लोगों की समस्याएं नहीं सुलझा सकते हैं तो विधानसभा भंग कर दें और नए सिरे से चुनाव होने दें. फारूक ने इससे भी इनकार किया कि उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कही है.' बोले- 'मैंने सिर्फ इतना कहा था कि यदि मेरे पास ऐसा कोई प्रस्ताव आया तो हम विचार करेंगे.'

सरकार बनाने का प्रस्ताव
सरकार को लेकर जारी कयासबाजी के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला शनिवार देर रात राज्यपाल एनएन वोहरा से मिले. इससे पहले महबूबा के अपने पत्ते दबाकर रखने का फायदा उठाते हुए फारूक बीजेपी से गठबंधन कर सरकार चलाने का प्रस्ताव भी रख चुके हैं.

क्या कहता है सीटों का समीकरण
सरकार बनाने के लिए किसी भी गठबंधन को 44 का आंकड़ा छूना जरूरी है. 2014 में हुए चुनाव में पीडीपी को 28 और बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं. जबकि NC 15 सीटें ही ला पाई थी. यदि यह बीजेपी के साथ मिल भी जाए तो भी 4 सीटें कम पड़ जाती हैं. बीजेपी के रहते कांग्रेस साथ आएगी नहीं. लिहाजा इस गठबंधन को अन्य और निर्दलीयों को साथ लाना पड़ेगा. लेकिन सरकार बनाना उतना मुश्किल भी नहीं है.

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क्या कहा था फारूक ने
फारूक ने शनिवार को कहा था, 'यदि पेशकश की जाए तो पार्टी सरकार बनाने के लिए बीजेपी से गठबंधन पर विचार करने के लिए तैयार है. यदि बीजेपी की ओर से प्रस्ताव आता है तो नेशनल कांफ्रेंस कार्य-समिति की बैठक बुलाएगी और इस पर चर्चा करेगी. हमने दरवाजे बंद नहीं किए हैं. हमारे दरवाजे खुले हैं.'

वट्टल का श्रीनगर दौरा अहम
तीन दिन पहले पीडीपी ने कहा था कि राज्य में नई सरकार के गठन के बारे में निर्णय करने से पहले वह दोनों दलों के बीच गठबंधन एजेंडा और मुफ्ती के दृष्टिकोण के क्रियान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा करेगी. इस पृष्ठभूमि में केंद्रीय वित्त सचिव आरपी वट्टल गुरुवार को श्रीनगर आए और उन्होंने महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की थी. हालांकि पीडीपी ने कहा कि वट्टल सिर्फ शोक व्यक्त करने के लिए महबूबा से मिले थे. लेकिन माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के इस अधिकारी ने उन्हें यह बताया कि मोदी सरकार द्वारा क्या किया जा चुका है और राज्य के लिए क्या किए जाने की योजना है.

बीजेपी क्या सोच रही है
समझा जा रहा है कि बीजेपी इस बात पर कायम है कि पीडीपी को अपने विधायक दल के नेता का चुनाव कर पहला कदम उठाना पड़ेगा, उसके बाद ही वह राज्य में सरकार गठन के लिए क्षेत्रीय पार्टी को समर्थन दे सकते हैं. इससे पहले पीडीपी नेता नईम अख्तर ने कहा था, 'मुफ्ती साहब का जम्मू कश्मीर को आधुनिक राज्य बनाने का एक नजरिया था. उनके निधन के कारण वह लक्ष्य साकार नहीं हो पाया. महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पार्टी को इस बात की समीक्षा करने की आवश्यकता है कि हम अभी तक मुफ्ती साहब के नजरिए को पूरा करने में कितने सफल हुए हैं.'

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