टेरर फंडिंग केस में एनआईए (NIA) ने पटियाला हाउस कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. इस केस में 5 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. यासीन मलिक की न्यायिक हिरासत 23 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी गई है.
सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में टेरर फंडिंग के पूरे सिंडिकेट का जिक्र है कि किस तरह से देश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान से लेकर दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के जरिए टेरर फंडिंग की जाती है.
National Investigation Agency has filed the supplementary charge-sheet against Yasin Malik, Shabir Shah, Asiya Andrabi, Masarat Alam and other Separatist leaders in the 2017 Jammu and Kashmir terror funding case. https://t.co/xjxgiPwhup
— ANI (@ANI) October 4, 2019
NIA की चार्जशीट में यासीन मलिक समेत इन 5 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं.
जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाले इन 5 अलगाववादियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में 214 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. 'आजतक' के पास मौजूद एक्सक्लूसिव चार्जशीट की कॉपी से इस बात का खुलासा हुआ है कि सभी अलगाववादी यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी, शब्बीर अहमद शाह या फिर अन्य की किसी न किसी रूप में हाफिज सईद और पाक परस्त लोगों के द्वारा कश्मीर घाटी में आतंक बढ़ाने और पत्थरबाजी के लिए पैसे लिए हैं.
इन अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने 2010 और 2016 में कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों और पथराव कराने के लिए पाकिस्तान से धन फंड लिया था.
यासीन पर हिंसक आंदोलन का नेतृत्व करने का आरोप
यासीन मलिक और गिलानी ने संयुक्त रूप से बिजनेस कम्युनिटी से फंड लिया था. मलिक ने 2016 में हिंसक आंदोलन का नेतृत्व किया. गिलानी ने यासीन मलिक के साथ विरोध कैंडल जारी करने में अहम भूमिका निभाई थी, जो पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के साथ संवाद कर रहा था.
मसर्रत आलम पर क्या लगा आरोप?
एनआईए ने उन्हें पथराव करने वाला रिंग लीडर करार दिया है. उन्होंने 2010 में सक्रिय रूप से स्टोन पेल्टिंग रैलियों को को-ऑर्डिनेट किया था. इसके लिए मसर्रत को गिलान ने निर्देश दिया था.
आसिया पर संदिग्ध स्रोतों से फंड लेने का आरोप
आसिया ने अपने प्रतिबंधित संगठन दुख्तारन-ए-मिलात के लिए संदिग्ध स्रोतों (ज्यादातर विदेशी) से फंड एकत्र किए थे. आसिया और इंजीनियर रशीद के पाकिस्तान में फंसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं.
यासीन और हाफिज सईद के चौकाने वाले राज
एनआईए ने चार्जशीट में बताया है कि यासीन मलिक किस तरीके से हाफिज सईद के पीओके में मौजूद लश्कर के आतंकी कैंप में जाकर आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी थी. सूत्रों के मुताबिक, यासीन मलिक की डिजिटल डायरी में NIA को यासीन मलिक और हाफिज सईद के चौकाने वाले राज पता चले हैं.
According to NIA officials, fresh material has surfaced in the form of social media evidence, call records, oral and documentary evidence. New material shows the relationship of the persons charge-sheeted with the cross border accused Hafiz Saeed & Syed Salhauddin. https://t.co/xjxgiPwhup
— ANI (@ANI) October 4, 2019
NIA की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा
NIA ने अपनी चार्जशीट में जानकारी दी है कि यासीन मलिक ने जहूर वताली की मदद से 15 लाख रुपये 2015-16 में हवाला के जरिए हाफिज सईद से लिए थे. यही नहीं NIA की रिपोर्ट से ये भी बड़ा खुलासा हुआ है कि जमातुद दावा और लश्कर के चीफ हाफिज का एक करोड़ रुपया अलगाववादी सैय्यद अलीशाह गिलानी, शब्बीर शाह और अल्ताफ फंटूश के पास जम्मू-कश्मीर के बिजनेसमैन जहूर वताली के माध्यम से पहुंचा था.
जहूर बताली इस समय सलाखों के पीछे हैं पर 'आजतक' को सूत्रों ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी के इस पैसे का इस्तेमाल कश्मीर घाटी में आतंकवाद बढ़ाने और मासूम युवाओं को पत्थरबाजी में झोंकने के लिए इस्तेमाल किया जाना था.
एनआईए की चार्जशीट से जानकारी मिली है कि पाकिस्तान में बैठे ख्वाजा मंसूर चिश्ती ने करोड़ों रुपये यासीन मलिक को उनके पास भेजे हैं जिसका पूरा ईमेल रिकॉर्ड 'आजतक' के पास मौजूद है. सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी पैसों को अलगाववादियों तक पहुंचाने में मदद करवाता था.