जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका के चलते स्पेशल फोर्स की 9 टीमों को तैनात किया गया है. ये टीमें युद्ध लड़ने मेें पारंगत हैं. खुफिया जानकारी के तहत आतंकी पठानकोट के बाद जम्मू-कश्मीर को अपना अगला निशाना बना सकते हैं. राज्य में हाई-अलर्ट जारी किया गया है.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गणतंत्र दिवस से पहले आतंकी जम्मू-कश्मीर पर हमला कर सकते हैं. खुफिया सूचना के बाद सुरक्षाबल हरकत में आ गए हैं और सतर्क हो गए हैं. राज्य में आतंकियों के मंसूबों को रोकने के लिए 9 विशेष टीमों को तैनात किया गया है. कश्मीर घाटी में विशेष सुरक्षाबलों की तीन टीमों को, जम्मू में 2 जबकि 3 टीमों को ऊधमपुर में रखा गया है. ये हमले होने की दशा में शीघ्र प्रतिक्रिया देंगी.
उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा, 'सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है और आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए बम तैयार हैं. हम एयरबेस, आर्मी कैंप और हथियारों के भंडार की सुरक्षा को लेकर चौकस हैं. हर टीम में 100 कमांडो हैं.'
हुड्डा ने कहा, 'सुरक्षाबलों की टीमों को ऊधमपुर में रखा गया है जो कि हमले होने की दशा में तुरंत मौके पर पहुंच सकें. खुफिया जानकारी सौ फीसदी नहीं है लेकिन हम कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते.'
इसी महीने की शुरुआत में आतंकियों ने पठानकोट के एयरबेस को निशाना बनाया था. 2014 में पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए हमले के बाद अस्पताल और स्कूलों में सुरक्षा को दुरुस्त किया गया है.
एसएफ के पास इजरायल के बने टीएआर-21 और अमेरिका के बने कोल्ट एम-4 कारबाईन हैं. इसके अलावा उनके पास इजरायली गलील और रूसी दुर्गनोव राइफल की मिश्रित संस्करण है. पिछले साल म्यांमार सीमा पर 18 जवानों की हत्या के बाद म्यांमार में घुसकर ऑपरेशन करने वाले कमांडो एसएफ के ही थे. एसएफ की टीम में 5 हजार कमांडो हैं.