अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे पाबंदियां कम हो रही हैं. कश्मीर में 92 पुलिस थाने ऐसे हैं, जहां दिन के वक्त कोई पाबंदी नहीं है. जबकि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के 93 प्रतिशत हिस्से में कोई भी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू नहीं है. सोमवार को जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (प्लानिंग, मॉनिटरिंग और डेवेलपमेंट) रोहित कंसल ने कहा कि पिछले हफ्ते 81 प्रतिशत थानों में पाबंदियां नहीं थीं, जिसे बढ़ाकर 92 कर दिया गया है. जबकि जम्मू और लद्दाख में दिन में कोई भी प्रतिबंध नहीं है. घाटी में लैंडलाइन सेवा भी बहाल कर दी गई हैं.
फोन सेवाओं में बढ़ोतरी
कंसल ने कहा, 29 अन्य एक्सचेंज को बहाल किया गया है. अब 95 में से 76 एक्सचेंज चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि घाटी में 26 हजार लैंडलाइन्स को चालू कर दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि जम्मू और लद्दाख में मोबाइल फोन पूरी तरह चालू हैं. प्रशासन ने बताया कि सरकारी दफ्तर भी पहले की तरह काम कर रहे हैं और स्टाफ भी मौजूद है.
प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूलों में भी स्टाफ की अटेंडेंस काफी अच्छी है. रोहित कंसल ने कहा कि प्राइवेट ट्रांसपोर्ट पहले से ही चल रहा था. अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी सड़कों पर वापसी हो गई है. इसके अलावा दूसरे राज्यों को जाने वाली बसें भी उपलब्ध हैं. प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने कहा कि 300 ट्रकों में फल ट्रांसपोर्ट किए जा रहे हैं. घाटी के बाहर 1.5 लाख मिट्रिक टन फल उत्पाद भेजे गए हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
उन्होंने आगे कहा, सभी जरूरी सेवाएं और अन्य विभाग सामान्य काम कर रहे हैं, जिसमें मेडिकल सुविधाएं भी शामिल हैं. घाटी के सभी अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध हैं. करीब 2.5 लाख लोगों ने ओपीडी में इलाज कराया, 20 हजार लोग इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट पहुंचे. इसके अलावा 200 बड़ी सर्जरी हुईं. सिजेरियन और नॉर्मल मिलाकर 2 हजार डिलीवरी हुईं. कंसल ने कहा कि शेर-ए-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की ओपीडी में 33 हजार लोग पहुंचे और श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में 1 हजार सर्जरी हुईं. इसमें 5 हजार मरीजों को भर्ती किया गया और 900 रूटीन सर्जरी हुईं.