जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने धमकी दी है कि उनकी पार्टी गैर-स्थानीय लोगों को केंद्र शासित प्रदेश में बसने नहीं देगी. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर प्रशासन की आलोचना भी की. इसके साथ ही बुखारी ने सरकार को भी धमकी दी.
हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं- अल्ताफ बुखारी
उन्होंने कहा कि ये सरकार चाहे बाहरी लोगों की सुरक्षा में पूरी पुलिस फोर्स लगा दे, लेकिन एक भी बाहरी व्यक्ति को हम यहां बसने नहीं देंगे. अगर इनको (सरकार) ये लगता है कि चार-पांच मंजिलें खाली कराकर ये किसी को ला कर यहां बसा देंगे तो हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं. कश्मीरी पंडितों का जिक्र करते हुए बुखारी ने कहा कि हम वो जमात नहीं है, जो कहीं और जाकर ड्रामा करें.
महबूबा मुफ्ती ने विपक्षी दलों से की थी ये अपील
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण पर हो रही बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सियासी दल जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. बीते दिनों जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम एवं पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने कहा था, "मैंने सभी राष्ट्रीय विपक्षी नेताओं से अनुरोध किया है कि वे अपने ही लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के विध्वंस अभियान का मुद्दा उठाएं."
सरकार जनता से युद्ध कर रही है- महबूबा मुफ्ती
कहा कि कोई नोटिस नहीं दिया जाता है और कार्रवाई शुरू कर दी जाती है. ये अमानवीय और अन्यायपूर्ण. कहा कि एलजी प्रशासन द्वारा शुरू किया गया यह बेरहम 'बेघर अभियान' जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेदखल करने पर केंद्रित है. सरकार जनता से युद्ध कर रही है."
जिस जमीन को मेहनत से सींचा, उसे उनसे छीना जा रहा
इस कड़ी में रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि जिस जमीन को लोगों ने मेहतन से सींचा, उसे अब उनसे छीना जा रहा है. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जम्मू-कश्मीर को चाहिए रोजगार, बेहतर व्यापार और प्यार, मगर उन्हें मिला क्या? भाजपा का बुलडोजर!. कई दशकों से जिस जमीन को वहां के लोगों ने मेहनत से सींचा, उसे उनसे छीना जा रहा है.
अमन और कश्मीरियत की रक्षा जोड़ने से होगी
इसके आगे उन्होंने कहा कि अमन और कश्मीरियत की रक्षा जोड़ने से होगी, तोड़ने और लोगों को बांटने से नहीं. इससे पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खुला पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. पत्र में कहा था कि प्रधानमंत्री जी पूरे भारत को प्रेम और एकता के सूत्र में पिरोने के लिए जारी भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू पड़ाव में कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याओं को लेकर मुझसे मिला.
घाटी में काम पर जाने के लिए मजबूर करना निर्दयी कदम
इस दौरान बताया कि सरकार के अधिकारी उन्हें कश्मीर घाटी वापस काम पर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं. इन हालातों में सुरक्षा और सलामती की पक्की गारंटी के बिना उन्हें घाटी में काम पर जाने के लिए मजबूर करना एक निर्दयी कदम है. हालात के सुधरने और सामान्य होने तक सरकार इन कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अन्य प्रशासकीय और जनसुविधा के कार्यों में सेवाएं ले सकती हैं.