जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर के गर्भगृह तक जाने वाली पुरानी और प्राकृतिक गुफा को वार्षिक परंपरा को ध्यान में रखते हुए फिर से खोल दिया गया है. साल के इस समय में आमतौर पर पूजा करने के बाद गुफा को दोबारा खोल दिया जाता है.
अधिकारियों ने बताया कि इस अवधि के दौरान मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की कम संख्या को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया है. पुरानी गुफा को रविवार को फिर से खोल दिया गया और तीर्थयात्रियों ने इसके माध्यम से यात्रा की.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने कहा कि मंदिर में पूजा करने के बाद तीर्थयात्रियों को पुरानी गुफा के माध्यम से यात्रा करने की सुविधा प्रदान की गई. उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि भीड़ की क्षमता को ध्यान में रखते हुए अधिक श्रद्धालु पुरानी गुफा के माध्यम से तीर्थयात्रा करें.
गर्ग ने कहा कि तीर्थयात्रियों को किसी भी असुविधा से बचने के लिए, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुरानी गुफा के माध्यम से दर्शन कराए जाने की व्यवस्था करें. अधिकारियों ने कहा कि प्राकृतिक गुफा को सालाना केवल जनवरी और फरवरी के महीनों के दौरान खोला जाता है जब भीड़ कम होती है. उन्होंने बताया कि बाकी महीनों में तीर्थयात्रियों को मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए नवनिर्मित गुफाओं से गुजरना पड़ता है.
बता दें कि पिछली सा रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के दर्शन किए. बीते एक दशक में साल 2023 में रिकॉर्ड 93.50 लाख श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के दर्शन किए. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जम्मू के रियासी जिले में त्रिकुट पहाड़ियों पर बने वैष्णो देवी के मंदिर में 93.50 लाख लोगों ने देवी के दर्शन किए. इससे पहले 2013 में सर्वाधिक 93.24 लाख श्रद्धालुओं ने वैष्णो देवी के दर्शन किए थे. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने कहा था कि बीते 10 सालों में इस बार (2023 में) सर्वाधिक 93.24 लाख तीर्थायात्री वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे.