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उमर अब्दुल्ला का रविशंकर प्रसाद पर निशाना, कहा- अनुच्छेद-370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अंदाजा न लगाएं

केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पिछले साल अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया गया था, जिसे अब बहाल नहीं किया जाएगा. इसे एक उचित संवैधानिक प्रक्रिया के तहत समाप्त किया गया था.

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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अनुच्छेद-370 को लेकर सियासत तेज
  • धारा-370 बहाल नहीं होगाः केंद्रीय मंत्री
  • 221 दिन उमर अब्दुल्ला नजरबंद रहे थे

अनुच्छेद-370 को लेकर सियासी बयानबाजी फिर तेज हो गई है. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुच्छेद-370 बहाल नहीं किए जाने वाले बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने निशाना साधा है. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट के जरिए कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश क्या निर्णय लेंगे, इसका अंदाजा नहीं लगाएं. 

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रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा था कि अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं किया जाएगा. इस पर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'प्रिय रविशंकर प्रसाद जी, हम आपसे कुछ भी बहाल करने की उम्मीद नहीं रखते हैं, लेकिन जब तक सुप्रीम कोर्ट की स्वतंत्रता है. कृपया यह अंदाजा नहीं लगाए कि माननीय न्यायाधीश क्या निर्णय देंगे.'

केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पिछले साल अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया गया था, जिसे अब बहाल नहीं किया जाएगा. इसे संवैधानिक प्रक्रिया के तहत समाप्त किया गया और संसद के दोनों सदनों ने इसे संख्या बल से मंजूरी दी थी. बता दें कि अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला 221 दिनों तक नजरबंद रहे थे. 

गुपकार घोषणा की हुई थी बैठक

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आवास पर शनिवार को गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) की बैठक हुई थी. इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि जो लोग प्रचार कर रहे हैं कि गुपकार राष्ट्र विरोधी है, वो गलत हैं. हम भाजपा के विरोधी हैं और इसका मतलब ये नहीं है कि राष्ट्र विरोधी हैं. बीजेपी ने देश और संविधान को नुकसान पहुंचाया है. हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों का अधिकार वापस किया जाए. 

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