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उमर नहीं लड़ेंगे गांदरबल से चुनाव

इस बात की केवल औपचारिक घोषणा शेष रह गई है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा का आगामी चुनाव गांदरबल सीट से नहीं लड़ने का फैसला ले लिया है.

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

इस बात की केवल औपचारिक घोषणा शेष रह गई है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा का आगामी चुनाव गांदरबल सीट से नहीं लड़ने का फैसला ले लिया है. यदि वे यह कदम उठाते हैं तो कश्मीर में सबसे मजबूत आधार वाले इस इलाके पर 37 वर्षों से अब्दुल्ला परिवार के राजनीतिक वर्चस्व का अंत हो जाएगा.

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उमर अब्दुल्ला के दादा और नेशनल कान्फ्रेंस के संरक्षक दिवंगत शेख मोहम्मद अब्दुल्ला मुख्यधारा की राजनीति में लौटने के बाद 1977 में अपना पहला चुनाव गांदरबल से ही लड़े थे. 1975 में इंदिरा-अब्दुल्ला समझौते के बाद वे मुख्यधारा की राजनीति में आए. इस समझौते से ही शेख का 24 वर्षों से नई दिल्ली और नेहरू परिवार से चला आ रहा दुराव खत्म हुआ था. राज्य के प्रधानमंत्री सीएम पद से शेख की असम्मानजनक विदाई और उसके बाद 1953 में उनकी गिरफ्तारी के बाद यह दूरी पैदा हुई थी.

शेख के बाद उमर के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला 1983, 1987 और 1996 का विधानसभा चुनाव गांदरबल से ही लड़े और जीते भी. उमर ने अपना विधानसभा चुनाव 2002 में गांदरबल से लड़ा था, लेकिन पीडीपी के काजी मोहम्मद अफजल के हाथों परास्त हुए थे. बाद में 2008 में उन्होंने काजी को हराया और 2009 में राज्य के मुख्यमंत्री बने.

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पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने के आग्रह पर बताया कि उमर अब्दुल्ला ने साफ तौर पर कह दिया है कि वे गांदरबल से चुनाव नहीं लड़ेंगे.

उमर ने कार्यकर्ताओं पर गांदरबल में पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया है, लेकिन स्थानीय लोगों में उन्हें लेकर भारी असंतोष है.

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