जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि नरेन्द्र मोदी ने बीजेपी कैडरों को उत्साहित किया हालांकि इस बात की गारंटी नहीं है कि बड़ी रैलियां वोट में तब्दील होती हैं.
उमर ने ट्विटर पर एक के बाद एक लगातार ट्वीट में 'आप' की जोरदार शुरुआत पर कहा कि नए चेहरे और संदेश के साथ आने वाले किसी नए व्यक्ति या छुपे रुस्तम को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए.
चार राज्यों के चुनावी नतीजों पर उमर ने ट्विटर पर लिखा है, '2014 के लिए यह सबक है कि कोई लहर नहीं है, लेकिन उनके (बीजेपी) कैडरों पर प्रभाव स्पष्ट है. इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता.'
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में भी 2014 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. उमर ने ट्वीट किया कि वह टीवी से चिपके हुए उत्सुकता से चुनावी नतीजे देख रहे थे. आज 2014 के लिए अंतिम सबक यह है कि विभाजनकारी संदेश काम नहीं करेंगे, लेकिन आप गांधीवादी अभियान से भी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
यूपीए का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि योजनाओं की अंतिम क्षण में घोषणा भी वोट में तब्दील नहीं होती है. राजनीतिक रैलियों के बारे में उन्होंने कहा कि बड़ी जनसभाओं का हमेशा यह मतलब नहीं होता कि उतने ही वोट आ जाएंगे. लेकिन यदि किसी जनसभा में उपस्थिति कम होती है तो निश्चित तौर पर यह बड़े संकट का संकेत है.
वहीं, गलत अनुमानों के लिए चुनावी सर्वे की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कौन सा चुनावी सर्वे था जो आप को छह से आठ सीटें दे रहा था? ऐसे आकलन करने वालों को बर्खास्त कर देना चाहिए.