कश्मीर में आए दिन सेना और पुलिस पर पत्थरबाजी की घटनाएं होती हैं. सवाल ये है कि इन पत्थरबाजों के हाथ में कौन थमाता है पत्थर और क्या है इस पत्थरबाजी का मसला? आज तक की खुफिया टीम जब पत्थरबाजों की हकीकत तलाशने कश्मीर पहुंची तो बेहद चौंकाने वाले राज सामने आए.
आज तक के खुफिया कैमरे पर भाड़े के इन पत्थरबाजों ने कबूल किया कि पैसे लेकर वो कश्मीर में कहीं भी पत्थर या पेट्रोल बम फेंक सकते हैं. पत्थर फेंकने के बदले इन्हें पैसे, कपड़े और जूते मिलते हैं. ऐसे ही पत्थरबाजों की मिलीभगत से पिछले साल बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद तीन महीने तक पूरा कश्मीर सुलगता रहा था.
आज तक की तफ्तीश में ऐसे राज से परदा उठा है, जो हैरान कर देता है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम पैसे लेकर पत्थर फेंकने वालों तक पहुंची और खुफिया कैमरे के सामने इन पत्थरबाजों ने खुद ही अपने राज एक-एक कर खोल दिए. पैसे लेकर पत्थरबाजी करने वाले ये वो कश्मीरी हैं, जो आम लोगों की भीड़ में चुपचाप शामिल हो जाते हैं और इनके निशाने पर होती है भारतीय फोर्स.
पत्थरबाज जाकिर अहमद भट ने बताया कि पत्थरबाजी के लिए उसे 5 , 6 , 7 हजार रुपये महीना तक मिलता है, साथ ही जूते कपड़े अलग से. पत्थर सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस, विधायकों पर फेंके जाते हैं. बीच-बीच में पेट्रोल बम लगाने के अलग से 500 से 700 तक रुपये मिलते हैं. बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद हुई पत्थरबाजी में जाकिर भी शामिल था और उसने लगातार पत्थऱबाजी की थी.
इन पत्थऱबाजों ने सेना की गाड़ी भी जलाई थी, जिसके चलते ये फरार चल रहे हैं. गाड़ी जलाना तो इनके लिए मामूली काम है, जाकिर ने तो अफ़ज़ल गुरु की फांसी के बाद पुलिस के दो जवानों को जलाकर मार डाला था. ज़ाकिर अहमद बट कश्मीर में पैसे लेकर 9 सालों से पत्थरबाजी कर रहा है. उसके हाथों से निकले पत्थरों ने सेना और पुलिस के जाने कितने जवानों को लहूलुहान किया है. उसका भी उसके पास पूरा रिकॉर्ड है. जाकिर ने ये भी खुलासा किया कि वो और उसके साथी हर महीने पत्थरबाजी से 10 से 11 हजार रुपये तक कमा लेते हैं. पैसे लेकर ये कहीं भी पत्थर फेंकने के लिए तैयार रहते हैं.