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कश्मीर में शोपियां डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अफसरों ने मारा छापा, 90% डॉक्टर और स्टाफ मिला गायब

निरीक्षण के बाद एक आदेश में, डिप्टी कमिश्नर ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया है कि जम्मू- कश्मीर सीएसआर के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत लापरवाही, अपराध, उदासीन रवैये, गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए सूचीबद्ध सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाए.

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शोपियां के जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान 90 फीसदी स्टाफ मिला गैर हाजिर (फोटो-फेसबुक)
शोपियां के जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान 90 फीसदी स्टाफ मिला गैर हाजिर (फोटो-फेसबुक)

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में बुधवार को अधिकारियों ने जब एक अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो वह हैरान रह गए. निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों सहित 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी गैरहाजिर मिले. अधिकारियों ने इसे लेकर डॉक्टरों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.

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अधिकारियों के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर के निर्देश पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर द्वारा सुबह 10:10 बजे शोपियां जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण किया गया तो कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. अधिकारियों ने कहा कि निरीक्षण के दौरान, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा प्रदान की गई बायोमेट्रिक उपस्थिति रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश डॉक्टर, चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ और मिनिस्टीरियल स्टाफ अपने कर्तव्यों से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाए गए.

198 कर्मचारियों में केवल 17 ही थे उपस्थित

उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि अस्पताल के 198 कर्मचारियों में से केवल 17 उपस्थित थे, यानि निरीक्षण के समय 181 अनुपस्थित थे. अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों, चिकित्सा अधिकारियों, पैरामेडिकल स्टाफ और मिनिस्टीरियल स्टाफ की अनियमित उपस्थिति से लोगों को काफी असुविधा होती है.

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अधिकारियों ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर कार्यालय ने मंगलवार को एक परिपत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि गैरहाजिर रहने वाले कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटकर जिला रेड क्रॉस सोसाइटी में जमा किया जाएगा.

प्रशासन ने मांगा स्पष्टीकरण

 निरीक्षण के बाद एक आदेश में, डिप्टी कमिश्नर ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को जम्मू- कश्मीर सीएसआर के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत लापरवाही, अपराध, उदासीन रवैये, गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए सूचीबद्ध सभी अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने के लिए कहा है.  आदेश में कहा गया है कि अपने जवाब में, कर्मचारियों को यह बताना होगा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.

आदेश में कहा गया है कि जवाब तीन दिन के भीतर डिप्टी कमिश्नर कार्यालय को प्रस्तुत किए जाएंगे, साथ ही चिकित्सा अधीक्षक के विचार, टिप्पणियां और सिफारिशें भी प्रस्तुत की जाएंगी. ऐसा न करने पर यह माना जाएगा कि अनुपस्थित कर्मचारियों के पास अपने बचाव में कहने के लिए कुछ नहीं है और नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, साथ ही एक दिन का वेतन भी काटा जाएगा.

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