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सरहद पार से आतंकी घुसपैठ और हमले की साजिश, निशाने पर नेता और सेना के अड्डे

एक तरफ घाटी बाढ़ के हालात से जूझ रही है. तो दूसरी तरफ सरहद पार से आतंकी घुसपैठ और हमले की साजिश रच रहे हैं. आतंकी संगठनों की प्लानिंग मुसीबत के इस वक्त में घाटी पर हमला करने की है.

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हमले की साजिश रच रहे हैं आतंकी
हमले की साजिश रच रहे हैं आतंकी

एक तरफ घाटी बाढ़ के हालात से जूझ रही है तो दूसरी तरफ सरहद पार से आतंकी घुसपैठ और हमले की साजिश रच रहे हैं. आतंकी संगठनों की प्लानिंग मुसीबत के इस वक्त में घाटी पर हमला करने की है. J-K: फिदायीन हमला कर सकते हैं आतंकी

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खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई इस नापाक साजिश में आतंकी संगठनों की मदद कर रहा है. निशाने पर हैं सेना के अड्डे और जम्मू कश्मीर के नेता.

बांदीपोरा और कुपवाड़ा के कुछ सेक्टर में सरहद के करीब लश्कर ए तैयबा और हिजबुल के आतंकियों को देखा गया है और अगले एक हफ्ते में घुसपैठ की कोशिश हो सकती है. पुंछ सेक्टर में आतंकियों की हरकत और बढ़ गई है. जैश-ए-मुहम्मद के पांच आतंकी गुल हदिक और मुहम्मद शौकत की अगुवाई में शहबाज पोस्ट के पास डेरा डालें है.

सूत्रों की मानें तो पाक अधिकृत कश्मीर से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैश-ए-मुहम्मद, अल्बदर, तहरीके-जिहाद जम्मू-कश्मीर के अलग अलग इलाकों में हमले करने का खाका तैयार कर चुके हैं. आज तक के हाथ लगी खुफिया एजेंसियों की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी कश्मीर पर बरस रही मुसीबत का फायदा उठाना चाहते हैं.

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सूत्र बताते हैं कि आतंकियों की साजिश के पीछे आईएसआई का दिमाग है. मार्च के महीने मे बुलाई गई बैठक में ये तय किया कि अलग-अलग गुट अलग दिशाओं में जिम्मेदारी संभालेंगे. तभी से कई आतंकी जिसमें जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, अल्बदर, तहरीके-जिहाद संगठन शामिल हैं, LOC के करीब चक्कर लगाने लगे.

खुफिया रिपोर्ट में ये साफ कहा गया है कि आतंकी दहशत फैलाने के लिए नेताओं को निशाना बना सकते हैं. दरअसल, हाल ही में जिस तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने चुनाव में बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया वो आतंकियों को नागवार गुजरा है. रिपोर्ट के मुताबिक इसी महीने हिजबुल मुजाहिद्दीन नेताओं को अपना निशाना बना सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक कुलगाम के मोहम्मद अफजल पारे, वाची विधानसभा से सीपीएम के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले जहूर अहमद और तारीगाम से मोहम्मद अब्बास पर खतरा ज्यादा है.

आतंकियों के निशान नंबर दो हैं सेना के बड़े-बड़े अड्डे, इसके लिए दो आतंकी संगठन को जिम्मेदारी दी है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी एक बार फिर कठुआ जैसा हमला कर सकते हैं. सेना के अड्डों पर अल-बदर और तहरीक-ए-जिहाद की नजर है. पीओके से छह-सात आतंकी सेंध लगाने मे जुटे हैं. अपने साथियों को छुडाने के लिए ये आतंकी पुंछ की जेल को भी निशाना बना सकते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, बांदीपुरा और कुपवाड़ा के कुछ सेक्टर में सरहद के करीब लश्कर और हिजबुल के आतंकियों को देखा गया है. आशंका जताई जा रही है कि अगले एक हफ्ते में घुसपैठ की कोशिश हो सकती है. पुंछ सेक्टर में आतंकियों की हरकत और बढ़ गई है. सेक्टर के देवगर और चिरीकोट के पास आतंकी 9 जाट रेजिमेंट के पोस्ट पर निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक जैश के पांच आतंकी गुल हदिक और मुहम्मद शौकत की अगुवाई में शहबाज पोस्ट के पास डेरा डाले हुए हैं और भारत के इस तरफ की सड़कों पर आईडी बिछाने की साजिश रच रहे हैं. लश्कर-ए-तैयबा का एक गुट देरिनाला के पास सरहद पर मौके की फिराक में बैठा है.

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सूत्रों के मुताबिक पूरी साजिश के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई है और साजिश के तहत अलग इलाके अलग संगठन संभाल रहे हैं.

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