पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को हवा देने के लिए किसी भी तरह घाटी में हथियार पहुंचाने पर आमादा है. पाकिस्तान का ये रवैया तब है जब कुछ ही दिनों में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ये तय करने वाला है कि उसने आतंकवाद को आर्थिक मदद न देने के अपने वादे पर कितना अमल किया है.
9 अक्टूबर को उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर में हथियारों की तस्करी की पाकिस्तान आर्मी की कोशिश को अलर्ट भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया. 9 अक्टूबर को 07.30 बजे रात भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा पर किशनगंगा नदी के किनारे कुछ हलचल महसूस की. सर्विलांस की मदद से पता की गई पाकिस्तान की इस कोशिश को फेल करने के लिए सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तुरंत ऑपरेशन शुरू कर दिया.
रात को सर्विलांस टीम ने फिर पाया कि 2 से 3 आतंकी एक ट्यूब के जरिए कुछ सामान को किशनगंगा नदी के जरिए भारतीय सीमा में भेजने की कोशिश कर रहे हैं.
सेना तत्काल उस स्थान पर पहुंच गई जहां से उन्हें संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिली थी, यहां से सेना ने दो बैग जब्त किए. इन बैग में 4 एके 74 राइफल, 8 मैगजीन, 240 एक राइफल की गोलियां बरामद हुईं.
सेना ने इलाके से आतंकियों को भी पकड़ने और इस पार मौजूद आतंकियों के मददगारों को दबोचने के लिए भी अभियान शुरू कर दिया है.