आतंकवाद का पनाहगाह पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज आने का नाम ही नहीं ले रहा है. पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के पद और गोपनीयता की शपथ लेने के दिन ही सीमा पार से बड़ी घुसपैठ की कोशिश की गई है, जिसको भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया है.
शनिवार रात सुरक्षा बलों ने तंगधार में नियंत्रण रेखा (LoC) पर तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है. बता दें कि पाकिस्तान की ओर से LoC पर लगातार आतंकी घुसपैठ की कोशिश कराई जा रही है. पड़ोसी मुल्क में सरकार भी बदल गई है, लेकिन उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. वह लगातार नापाक हरकतें कर रहा है. सरहद और इससे लगे इलाकों में माहौल बिगाड़ रहा है.
वहीं, भारतीय सुरक्षा बल एलओसी पर पाकिस्तान को उसकी करतूत का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं. इससे पहले 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एलओसी के पास से सेना के जवानों ने हथियार और गोला बारूद का बड़ा जखीरा बरामद किया था. यह बरामदगी सेना ने एक सर्च ऑपरेशन के दौरान की थी.
बताया जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन आतंकवादियों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने उसे नाकाम कर दिया था. इस दौरान सेना का एक जवान घायल भी हो गया था.
इसके अलावा गुरुवार को पाकिस्तान ने भारत में सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव दिया था. दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत में पाकिस्तान ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर आतंकियों की घुसपैठ रोकी जाएगी. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल साहिर शमशद मिर्जा से हॉटलाइन के जरिए बातचीत की.
पाकिस्तान ने घुसपैठ रोकने के साथ-साथ आतंकियों की जानकारी साझा करने का प्रस्ताव भी दिया. हालांकि यह प्रस्ताव कोई नया नहीं है, इससे पहले साल 2006 में दोनों मुल्कों ने आंतक विरोध कार्यक्रम के तहत ऐसी जानकारी साझा करनी की रणनीति बनाई थी, लेकिन यह रणनीति कारगर साबित नहीं हो सकी.