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पाकिस्‍तान ने तेज किए हमले, बॉर्डर के गांवों में दहशत

पिछले 24 घंटों से जम्मू में अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर पाकिस्‍तान की ओर से गोलीबारी की वहज से गांव के लोगों में दहशत है. सीमावर्ती खेतों में सन्नाटा पसरा हुआ है. गोलीबारी के साथ-साथ पाकिस्तान ने भारत के गांव पर मोर्टार से भी निशाने साधे हैं.

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सीमा पर गोलीबारी
सीमा पर गोलीबारी

पिछले 24 घंटों से जम्मू में अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर पाकिस्‍तान की ओर से गोलीबारी की वहज से गांव के लोगों में दहशत है. सीमावर्ती खेतों में सन्नाटा पसरा हुआ है. गोलीबारी के साथ-साथ पाकिस्तान ने भारत के गांव पर मोर्टार से भी निशाने साधे हैं.

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सबसे ज्‍यादा खौफ जम्मू जिले के रणबीर सिंह पुरा के चक हंसू गांव में है, जो पाकिस्तान की चुम्बियां चौकी के बिलकुल सामने है. वहीं भारत की अग्रिम चौकी खडकोला है, जहां से बीएसएफ पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब दे रही है. पिछले 24 घंटे में पाकिस्तान ने भारतीय चौकी तथा इस गांव को निशाना बनाते हुए कई राउंड फायरिंग की है. कई मोर्टार भी दागे गए हैं. हालांकि बीएसएफ जवानों ने भी जवाबी कारवाई की है, मगर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. लोग सो नहीं पा रहे हैं. खेतों में काम नहीं हो रहा है.

इस गोलीबारी ने गांववासियों को नवम्बर, 2003 यानी भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर से पहले का दहशत भरा मंजर याद दिला दिया है. भारत-पाकिस्तान अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से सटा हुआ आखरी गांव है हंसो चक. करीब 45 घरों की आबादी वाले इस गांव ने गुरुवार और शुक्रवार की दरम्‍यानी रात को पाकिस्तान की तरफ से होने वाली भारी गोलीबारी का सामना किया. गांव हंसो चक के प्रधान कुलदीप राज का कहना है कि ऐसी गोलीबारी तो यहां कारगिल युद्ध के समय हुई थी.

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गांव के राम पाल का कहना है कि शुरुआत में तो पाकिस्तान ने हल्‍की गोलीबारी की, पर रात होते-होते पाकिस्तानी रेंजर भारी गोलीबारी पर उतर आए. मोर्टार भी दागे गए. इस फायरिंग का मकसद गांव में अधिक से अधिक तबाही मचाना था. गांववालों को अब यह चिंता सता रही है कि अगर यह गोलीबारी चलती रही, तो उन्हें अपने खेतों को छोड़कर जाना पड़ेगा. ऐसे में उनकी खड़ी फसल को देखने वाला कोई नहीं है. इस गोलीबारी ने फिर से सीमावर्ती गांव से पलायन जैसे हालात पैदा कर दिए हैं.

इस गांव में दहशत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां के सरकारी स्कूल में शुक्रवार को कोई छात्र पढ़ने नहीं आया. बच्चे घरों में ही दुबके रहे, स्कूल में ताला लटका रहा और टीचर भी दिनभर दहशत में रहे.

इन लोगों का कहना है कि उनके लिए अब जान बचाना मुश्किल हो गया है और काफी डर लग रहा है. यह लोग अब यह दुआ कर रहे हैं कि दोनों देशों के बीच शांति कायम हो, ताकि लोग डर और खौफ के माहौल से उबर सकें.

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