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Exclusive: चीन से तनाव कम होने पर पैंगोंग झील पर्यटकों के लिए खुली, सबसे पहले पहुंचा 'आजतक'

सीमा पर तनाव कम होने के बाद अब एलएसी से सटे कुछ इलाकों में पर्यटकों को दोबारा आने-जाने की इजाजत होगी. लद्दाख में कई सौ किलोमीटर तक फैली चीन से लगने वाली सीमा पर पिछले साल पूरी तरह से तनाव बना रहा.

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सबसे पहले पैंगोंग झील पहुंचा आजतक
सबसे पहले पैंगोंग झील पहुंचा आजतक
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लद्दाख में सैलानियों के लिए खुली पैंगोंग झील
  • सबसे पहले पहुंचा आजतक, जाना जमीनी हाल
  • भारत-चीन तनाव से स्थानीय लोग परेशान

लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पिछले साल अप्रैल में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था. इसके बाद इस इलाके में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. दोनों देशों के बीच तनाव के चलते दुनिया की सबसे मशहूर और ऊंची पैंगोंग झील पर पर्यटकों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई. 

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सीमा पर तनाव कम होने के बाद अब एलएसी से सटे कुछ इलाकों में पर्यटकों को दोबारा आने-जाने की इजाजत होगी. लद्दाख में कई सौ किलोमीटर तक फैली चीन से लगने वाली सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पिछले साल पूरी तरह से तनाव बना रहा. भारत और चीन के बीच में अब भी तनाव बना हुआ है. लेकिन राहत की बात ये है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर बातचीत की प्रक्रिया भी जारी है.

पर्यटकों के लिए पैंगोंग झील खुली

इसी बीच, लद्दाख के प्रशासन ने आठ महीने के बाद पैंगोंग झील को पर्यटकों के लिए खोल दिया है. पर्यटकों के पहुंचने से पहले 'आजतक' पैंगोंग झील पहुंचा और यहां के हालात को समझने की कोशिश की. आजतक देश का एक मात्र ऐसा चैनल है जिसने भारत-चीन के बीच एलएसी पर चल रहे विवाद के बीच पैंगोंग झील का दौरा किया और हालात को जाना.

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पैंगोंग झील खुली


दरअसल, अगर एलएसी की बात की जाए तो यह भारत और चीन के बीच में एक ऐसी सीमारेखा है जिस पर कोई निशान नहीं है. दोनों देश अपने-अपने हिसाब से अपनी सीमा तय करते हैं. दोनों देशों की तरफ से 2020 तक सैन्य जवानों की कोई बड़ी तैनाती भी नहीं थी. हां इतना जरूर था कि गर्मी के मौसम में दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने इलाके में पेट्रोलिंग करती थीं.

पैंगोंग झील

इस बीच, कई बार दोनों देशों की सेनाओं के बीच एलएसी पर आमना-सामना भी होता था. लेकिन दोनों देश इसे नजरअंदाज करते थे. लेकिन 2020 के शुरू में ही चीन की सेना ने एलएसी के पास सैनिकों का जमावड़ा शुरू किया और ठिकाने बनाने में भी तेजी लाई.

पैंगोंग झील पहुंचा आजतक

इसके जवाब में भारतीय सेना ने अपनी तैनाती भी बढ़ाई और सेना के इंफ्रास्ट्रक्चर में भी इजाफा किया गया. दोनों सेनाएं आमने-सामने हुईं. लेकिन यह वह इलाका है, जहां पहले ही इतने ऊंचे पहाड़ हैं जहां ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ सर्दियों का खतरनाक और मुश्किल मौसम भी होता है.

देखें: आजतक LIVE TV

बहरहाल, आजतक ने अपने दौरे में पाया कि एलएसी के आसपास रहने वाले लोग पहली बार भारत और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव के चलते काफी परेशान दिख रहे हैं. भारत और चीन के बीच एलएसपी पर तनाव कम तो हुआ है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है.

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