केंद्र सरकार ने संसद से विधेयक पारित कराकर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटा दिया था. केंद्र ने जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन भी कर दिया था. सरकार ने जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे को समाप्त कर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देकर सूबे की कमान सीधे अपने हाथ में ले लिया और साथ ही लेह लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था.
जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल प्रदेश के पुनर्गठन, राज्य के दर्जे में हुए बदलाव और अनुच्छेद 370, 35 ए हटाए जाने के विरोध में हैं. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती लंबे समय तक नजरबंद रहीं थी. अब जब कोरोना की रफ्तार धीमी हुई है, महबूबा मुफ्ती फिर से घाटी में सियासी रूप से सक्रिय होती नजर आ रही हैं. महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को राजौरी का दौरा किया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राजौरी में महबूबा मुफ्ती ने यह विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 370 और 35 ए बहाल होगा. उन्होंने कहा कि हमें निराश नहीं होना चाहिए. मुझे विश्वास है कि एक समय ऐसा भी आएगा जब अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को बहाल किया जाएगा. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि न केवल अनुच्छेद 370 और 35 ए बहाल होंगे बल्कि सरकार यह कहने के लिए भी मजबूर होगी कि उन्होंने जो किया था वो गलत था.
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि सरकार ये भी पूछेगी कि हम जम्मू कश्मीर के लिए और क्या चाहते हैं. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर के मेंढर के दौरे पर थीं. मेंढर से भी महबूबा ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया था. महबूबा ने आरोप लगाया था कि अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने के बाद से प्रदेश में तरक्की के काम ठप पड़ गए हैं, बेरोजगारी बढ़ गई है.